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35 साल पुराने मामले में बरी हुए आरोपी

बाकुडी (साहिबगंज) : बरहड़वा रेलवे स्टेशन में 29 अप्रैल 1982 को टिकट जांच अभियान के दौरान हुए विवाद म

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 07:30 PM (IST)
35 साल पुराने मामले में बरी हुए आरोपी

बाकुडी (साहिबगंज) : बरहड़वा रेलवे स्टेशन में 29 अप्रैल 1982 को टिकट जांच अभियान के दौरान हुए विवाद में गोलीकांड के अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में शनिवार को बरी कर दिया गया। नामजद आरोपी रामनाथ विद्रोही ने बताया कि टिकट जांच के क्रम में कुछ लोगों को गलत तरीके से पकड़ा गया था। इस पर स्थानीय कुछ लोग स्टेशन पहुंचकर रेल अधिकारी से बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान पुलिस बल ने लाठी चार्ज कर दिया। तत्कालीन विधायक थॉमस हांसदा के नेतृत्व में स्टेशन परिसर में मजिस्ट्रेट एवं रेल पुलिस से वार्ता के दौरान ही भगदड़ मच गई थी। पुलिस ने भीड़ को भगाने के लिए गोली चलाई जिसमें दानापुर निवासी शंभु यादव की मौत हो गई थी। इसके बाद 22 लोगों को हिरासत में लिया गया था।

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दूसरे दिन सुबह स्थानीय नागरिकों ने स्टेशन चौक पर घटना के विरोध में एक सभा का आयोजन किया था जहां रेल पुलिस ने सभास्थल पर पहुंचकर रामनाथ विद्रोही, मालेक अस्तर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने इस मामले में दिलीप डोकानिया, सुभाष गुप्ता, कैलाश शर्मा, भोला भगत, अरुण भगत, जानकी ठाकुर सहित 21 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया था। साहिबगंज रेल कोर्ट में 32 साल मामला चलने के बाद सेशन कोर्ट में 2013 को मुकदमा स्थानांतरित किया गया। आरोपी शिव कुमार भगत, अरूण भगत, कैलाश शर्मा, गयालाल डेहरी की मौत हो चुकी है। 35 साल बाद साक्ष्य के अभाव में सभी अभियुक्तों को बरी किया गया।


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