कृष्ण-सुदामा की मित्रता आज भी प्रासंगित
कैप्शन : प्रवचन देते महाराज व उपस्थित लोग संवाद सहयोगी, हिरणपुर (पाकुड़) : स्थानीय तारापुर गांव मे
कैप्शन : प्रवचन देते महाराज व उपस्थित लोग
संवाद सहयोगी, हिरणपुर (पाकुड़) : स्थानीय तारापुर गांव में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा यज्ञ का समापन मंगलवार को कृष्ण लीला के साथ संपन्न हो गया। समापन समारोह में काफी संख्या में भक्त उपस्थित हुए। वृंदावन से आए महाराज बाल व्यास संत भागवत शरण ने कृष्ण व सुदामा के मित्रता के बारे में बताया। प्रवचन के दौरान बाल व्यास महाराज ने कहा कि कृष्ण-सुदामा की मित्रता पूरे जग में बहुचर्चित हैं। कृष्ण-सुदामा की मित्रता ऐतिहासिक हैं। सुदामा की मित्रता वर्तमान समय में भी काफी प्रासंगिक हैं। दोनों की स्थिति में जमीन आसमान का अंतर हैं। लेकिन इसके बावजूद भी बचपन की निश्छल मित्रता को सदैव सर्वोपरि माना गया हैं। आज की मित्रता सिर्फ स्वार्थ पूर्ति के लिए होती हैं। अर्थ की प्राप्ति के बाद पुरातन संबंधों को तिलांजलि दे दी जाती हैं। कार्यक्रम की सफलता में लखी साहा, पंकज साहा, रोहित पंडित, डोमन पंडित, भानु प्रताप साहा, विजय साहा व कैलाश साहा ने अहम भूमिका निभाई।