नॉनबैंकिंग पर प्रशासन की पैनी नजर
जागरण संवाददाता,साहिबगंज: किस नॉनबैंकिंग कंपनी ने कितनी रकम हड़पी है। ग्राहकों ने किस कंपनी को कितना पैसा दिया है। इसका पता लगाने के लिए एक सेल का गठन किया जाएगा। शनिवार को उपायुक्त ए मुथु कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित कार्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बता दें कि जिले में नॉनबैंकिंग कंपनियों के 37 कार्यालय को अबतक प्रशासन ने सील किया है। सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान चलाया जा रहा है। डीसी ने अधिकारियों ने कहा कि आम जनता की गाढ़ी कमाई लेकर फरार होनेवाली कंपनियों के प्रमुखों को पत्र लिखकर प्रशासन को कागजात दिखाने के लिए बुलाया गया था। मगर अबतक कोई कंपनी नहीं आयी। इससे लगता है कि ग्राहकों का जमा पैसा लौटाने में कंपनियों की दिलचस्पी नहीं है। कुछ लोग इस मामले में हाईकोर्ट भी गए हैं। मगर इनके आवेदन को कोर्ट भी खारिज कर चुका है।
एसडीओ सदर जितेंद्र कुमार देव ने बताया कि नॉनबैंकिंग कंपनी के राजमहल,बरहड़वा,बरहेट, साहिबगंज समेत कई कार्यालय सील किए गए हैं। उनके कागजातों की जांच पुलिस की ओर से की गई है। एसपी को पत्र लिखकर इस मामले में अनुसंधान तेज करने व इसमें शामिल पक्षों पर कार्रवाई तेज करने को कहा जाएगा। इसमें शामिल पक्षों के खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रक्रिया भी चलायी जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि एक ड्रॉप बाक्स जिला प्रशासन लगाकर सीधे जनता से कागजात की मांगेगी, ताकि पता चले कि कहां और कितना पैसा किसने जमा किया है। गरीबों की जमा राशि लौटाने के लिए प्रशासन प्रक्रिया तेज करेगी। बैठक में राजमहल एसडीओ विधान चंद्र चौधरी, डीएसपी सदर शशिभूषण आदि अधिकारी शामिल हुए।