राष्ट्रपति चुनावः एक तीर से दो निशाने साधेंगे रघुवर दास
राष्ट्रपति चुनाव के बहाने सीएम रघुवर दास एक बार फिर अपनी राजनीतिक हैसियत का एहसास कराने की कोशिश करेंगे।
आनंद मिश्र, रांची। 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड से भी एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का ही पलड़ा भारी रहेगा, इसमें कतई कोई संदेह नहीं है। देश के सबसे बड़े पद के लिए होने वाले इस चुनाव के बहाने मुख्यमंत्री रघुवर दास एक बार फिर अपनी राजनीतिक हैसियत का एहसास कराने की कोशिश करेंगे। कुछ अर्से पहले राज्यसभा चुनाव में पर्याप्त बहुमत न होने के बावजूद करिश्माई तरीके से झारखंड कोटे से दो सीटें निकालकर रघुवर केंद्रीय नेतृत्व की वाहवाही लूट भी चुके हैं।
रविवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर एनडीए विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में यह तय हुआ है कि एनडीए विधायक सोमवार को 11.30 बजे वोट डालेंगे।
राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रघुवर दास की मंशा एक तीर से दो निशाना साधने की है। चुनाव को लेकर उन्होंने कुछ ऐसी ही व्यूह रचना की है। तयशुदा के तहत उन्होंने निर्दलीयों (छोटे दलों) पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विधायक गीता कोड़ा और भानु प्रताप शाही का मत तकरीबन स्पष्ट हो गया है।
एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के रांची दौरे के क्रम में इन विधायकों की उपस्थिति यही बात रही है। इसके अलावा झापा के एनोस एक्का भी कहीं और जाएंगे इसकी संभावना कम ही है। इधर, विपरीत परिस्थति में विपक्ष के एक दो विधायक और टूट जाएं इसमें संदेह नहीं किया जा सकता। झारखंड में एनडीए समर्थित दल आजसू के चार विधायक हैं, भाजपा की मंशा इतने या इससे अधिक निर्दलीय या विपक्ष के विधायकों को चुनाव के दौरान अपने खेमे में बैठाने की है। ताकि आजसू को उसकी हैसियत का एहसास कराया जा सके।
आजसू पार्टी गाहे-बगाहे स्थानीय नीति से लेकर सीएनटी जैसे मसलों पर सरकार की नीति से इतर बयानबाजी करती रही है। ऐसे में रघुवर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आजसू की प्रेशर पालीटिक्स की हवा निकालना चाहेंगे। एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के रांची दौरे के क्रम में भी सीएम ने वादा किया था कि वे झारखंड में एनडीए उम्मीदवार को तय माने जाने वाले वोटों से कहीं अधिक वोट दिलाएंगे।
सांसदों में भी एनडीए भारी
झारखंड में संसदीय सीटें भी एनडीए फोल्डर की ही ज्यादा हैं। यहां लोकसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 12 है जबकि विपक्ष के पास महज दो सांसद हैं। इसी प्रकार राज्यसभा में सीधे-सीधे भाजपा के दो सांसद हैं जबकि निर्दलीय परिमल नथवाणी भी एनडीए के ही माने जाते हैं। राज्यसभा से विपक्ष के भी तीन सांसद आते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो कुल 20 सांसदों में 15 एनडीए और पांच विपक्ष से आते हैं।
एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में पड़ेंगे 62 प्रतिशत वोट
झारखंड विधानसभा की मौजूदा तस्वीर बताती है कि यहां भी राष्ट्रीय स्तर की तर्ज पर एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का पलड़ा भारी रहेगा। झारखंड विधानसभा में 81 विधायक हैं। प्रत्येक विधायक के वोट की वैल्यू 176 है जबकि सभी 81 विधायकों के कुल जमा मतों की वैल्यू 14256 हैं। यहां भाजपा विधायकों की संख्या 43 है जबकि सहयोगी आजसू की चार। यह आंकड़ा 47 का हो जाता है। इसके अलावा जय भारत समान पार्टी की गीता कोड़ा, झारखंड पार्टी के एनोस एक्का व नौजवान पार्टी के भानु प्रताप सिंह एनडीए फोल्डर में जाएंगे अब लगभग ऐसा तय दिखाई दे रहा है।
सभी को मिला दें तो एनडीए खेमे में कुल 50 विधायक होते हैं। जबकि विपक्ष खेमे में झामुमो के 19, कांग्रेस के सात, झाविमो के दो, माले एक, मासस 1 और बसपा के एक विधायक मिलाकर 31 का आंकड़ा पूरा होता है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए तय मानकों के अनुसार एनडीए के 50 विधायकों के वोटों की वैल्यू 8800 होती है जबकि विपक्ष की 5456। इस लिहाज से देखें तो झारखंड विधानसभा के 61.73 फीसद वोट एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को मिलेंगे जबकि विपक्ष की मीरा कुमार को 38.27 प्रतिशत।
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