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रघुवर ने केंद्र से मांगा एम्स, आइआइटी और स्मार्ट सिटी

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों की बैठक में भारत सरकार से एम्स, आइआइटी और कम से कम एक स्मार्ट सिटी की मांग की।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 03:27 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 04:07 AM (IST)
रघुवर ने केंद्र से मांगा एम्स, आइआइटी और स्मार्ट सिटी

राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों की बैठक में झारखंड के पक्ष को पुरजोर तरीके से रखते हुए भारत सरकार से एम्स, आइआइटी और कम से कम एक स्मार्ट सिटी की मांग की। केंद्रीय बजट 2016-17 के निमित्त सुझाव देने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने कृषि, शहरी विकास और पुनर्वास के मद में भी केंद्र से मदद की अपेक्षा की।

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मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि की स्थिति से अवगत कराते हुए झारखंड में हरित क्रांति के लिए 5712.58 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मांग की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नीति आयोग को इस बाबत पूर्व में भी योजना समर्पित की है।

सीएम ने नमामि गंगे परियोजना में दामोदर को भी शामिल किए जाने की मांग की। बताया कि दामोदर सफाई के लिए 1640 करोड़ की योजना नीति आयोग को सौंपी गई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के रायपुर की तर्ज पर झारखंड में नई राजधानी के निर्माण के लिए 4095.30 करोड़ रुपये की सहायता मांगी।

झारखंड में एम्स और आइआइटी की स्थापना की मांग के साथ-साथ मुक्त विवि की स्थापना के लिए भी उन्होंने सहायता मांगी। राज्य में स्मार्ट ग्राम परियोजना शुरू करने के प्रस्ताव के बाबत जानकारी देते हुए कहा कि नीति आयोग को इस संदर्भ में 525 करोड़ की योजना सौंपी गई है। इसे भी पूरा किया जाए। इससे जनजातीय गांवों का विकास होगा और उनके जीवन निर्वाह तथा कौशल विकास के अवसरों में वृद्धि होगी।

सीएम ने एचइसी और झरिया तथा बंद पड़ी परियोजनाओं के लिए विशेष पैकेज मांगा। उग्रवाद का सामना करने के लिए राज्य में पुलिस के सुदृढ़ीकरण के लिए भी राशि की मांग की। झारखंड में बैंक शाखाओं और एटीएम के विस्तार का मसला भी सीएम ने उठाया। अधिक से अधिक स्टील एवं थर्मल इकाइयों की स्थापना में केंद्र से सहयोग की अपेक्षा की।

मुख्यमंत्री ने झारखंड सरकार द्वारा गुड गवर्नेंस के लिए सरकार के स्तर से उठाए गए कदमों की चर्चा भी की। बताया कि राज्य सरकार ने विभागों की संख्या 42 से घटाकर 30 की है, जिससे सरकारी खर्च में कमी आई है। उन्होंने करों में राज्य सरकार की हिस्सेदारी को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत किए जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली के प्रति आभार जताया।

सीएम ने केंद्रीय आम बजट के लिए दिए सुझाव

- उच्च शिक्षा संस्थानों को दिए जाने वाले योगदान में 200 प्रतिशत तक की कर की राहत दी जाए।

- प्रति बच्चे पर एक लाख रुपये तक उच्च शिक्षा के शुल्क में आयकर से छूट दी जाए।

- एससी-एसटी एवं ओबीसी छात्रों को बिना किसी बजटीय अधिसीमा के छात्रवृत्ति दी जाए।

- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अधिक बजटीय प्रावधान किया जाए।

- बीमा के क्षेत्र में विकास के लिए बीमा प्रीमियम आयकर की धारा 80 सी के अंतर्गत रियायत की अधिसीमा कम से कम दो लाख की जाए।

- पर्यटन के विकास के लिए होटलों को मान्यता दी जाए, चाहे उनकी लागत कितनी भी हो।

- वरिष्ठ नागरिकों की सेहत के लिए यूनिवर्सल स्क्रीनिंग प्रोग्राम की शुरुआत हो।

मेक इन इंडिया के लिए सुझाव

- कौशल विकास तथा निर्माण कंपनियों में पांच करोड़ या उससे अधिक के निवेश पर दीर्घकालिक ऋण मुहैया कराया जाए।

- चिकित्सीय उपकरणों के निर्माण के प्रोत्साहन के लिए उत्पाद शुल्क एक प्रतिशत हो।

- उपकरणों के पुर्जों को उत्पाद शुल्क से मुक्त किया जाए।

- भारत में स्टील उत्पादों के आयात में 51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि निर्यात में 28 प्रतिशत की कमी आई है। इसलिए स्टील उत्पादों के आयात में उत्पाद शुल्क में समुचित वृद्धि हो। वर्तमान में इस पर 10 से 12.5 प्रतिशत उत्पाद शुल्क है।

- सौर ऊर्जा में अनुदान का दायरा बढ़ाया जाए। सौर ऊर्जा से जुड़े उत्पादों एवं इसमें प्रयुक्त होने वाले सामग्री पर उत्पाद शुल्क में छूट हो।

- आधारभूत कंपनियों को नई परियोजनाओं के अलावा सुदृढ़ीकरण एवं विस्तारीकरण के लिए भी छूट मिले।

- आइटी के क्षेत्र में कौशल विकास के लिए काम करने वाली कंपनियों को कर में रियायत।

- आइटी नोटबुक तथा डेस्कटॉप पर उत्पाद शुल्क घटाकर दो प्रतिशत किया जाए।


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