Move to Jagran APP

मुंडा के सीएम रहते भी आया था सीएनटी में संशोधन का प्रस्ताव

सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक के खिलाफ तल्ख तेवर अपनाए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के समय भी सीएनटी के प्रावधानों में बदलाव की पहल टीएसी ने की थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 23 Jan 2017 05:54 AM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 06:10 AM (IST)
मुंडा के सीएम रहते भी आया था सीएनटी में संशोधन का प्रस्ताव

राज्य ब्यूरो, रांची। रघुवर सरकार द्वारा विधानसभा में पारित सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक के खिलाफ तल्ख तेवर अपनाए पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के समय भी सीएनटी के प्रावधानों में बदलाव की पहल टीएसी ने की थी। तीसरी दफा राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद इस दिशा में कवायद हुई थी। इस इश्यू पर अभी तीखे तेवर अपनाए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन अर्जुन मुंडा की कैबिनेट में डिप्टी सीएम थे। भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव एनएन पांडेय ने इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए भेजा था।

loksabha election banner

छह जून 2011 को भेजे गए प्रस्ताव को नीचे से लेकर ऊपर तक एक दिन में सहमति दे दी गई। प्रस्ताव में भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव एनएन पांडेय ने जिक्र किया कि सीएनटी की धारा 21 और एसपीटी की धारा 13 के अंतर्गत गैर कृषि उपयोग हेतु गैर कृषि लगान की वसूली करने के लिए आवश्यक संशोधन की स्वीकृति मंत्रिमंडल दे। प्रस्ताव पर विधि और वित्त विभाग की सहमति का भी उल्लेख है। उसी तिथि को तत्कालीन कैबिनेट सचिव आदित्य स्वरूप की अनुशंसा के बाद तत्कालीन मुख्य सचिव एसके चौधरी ने स्वीकृत कर दिया था। हालांकि यह प्रस्ताव कैबिनेट के विचारार्थ नहीं आ पाया।

सीएनटी पर टकराए रघुवर दास व अर्जुन मुंडा


सीएनटी संशोधन का प्रस्ताव मैंने नकारा था : मुंडा
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है कि उनके शासनकाल में टीएसी की अनुशंसा के बाद भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का प्रस्ताव आया था कि सीएनटी में संशोधन किया जाए लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को सख्ती से नकार दिया था। मुंडा ने रविवार को रायपुर से फोन पर बातचीत करते हुए कहा कि प्रस्ताव आने का मतलब यह नहीं है कि मेरी उसमें सहमति थी। उन्होंने उस वक्त तमाम दलों की एक संयुक्त कमेटी भी बनाई थी।

जब अर्जुन मुंडा ने कहा, अध्यक्ष जी कहां हैं

मुंडा के मुताबिक रघुवर सरकार को सीएनटी में संशोधन को लेकर शंका दूर करने का प्रयास करना चाहिए। कहा, मुख्यमंत्री रघुवर दास को सीएनटी में संशोधन को लेकर एक पत्र भेजा था जिसका जवाब अभी तक नहीं आया है। सवाल उठाया कि उन्हें चुप्पी साधने की बजाय उत्तर देना चाहिए। सरकार की जिम्मेदारी जनता के प्रति होती है। मेरे मुख्यमंत्रित्व काल में प्रस्ताव आया था लेकिन इन्हें बताना चाहिए कि इन्होंने किस कमेटी के प्रस्ताव के आलोक में सीएनटी-एसपीटी में संशोधन के लिए विधेयक लाया?

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.