प्राइवेट स्कूलों में री-एडमिशन का खेल होगा बंद, मंत्री ने दिया आदेश
Jharkhand. री-एडमिशन की जगह वार्षिक व विकास शुल्क लेते हैं स्कूल। मंत्री ने कहा वर्ष भर लिए गए शुल्क से करेंगे मिलान। निजी स्कूलों में बीपीएल के नामांकन पर रिपोर्ट तलब।
रांची, राज्य ब्यूरो। पदभार ग्रहण करने के साथ ही प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिकंजा कसने की घोषणा करनेवाले शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बुधवार को दोहराया कि प्राइवेट स्कूलों में री-एडमिशन का खेल बंद होगा। उन्होंने कहा कि सूचना मिली है कि कई स्कूल री एडमिशन के नाम पर शुल्क नहीं लेकर एनुअल या डवलपमेंट फंड या अन्य शुल्क के रूप में छात्रों से राशि वसूलते हैं। इसपर सख्ती से रोक लगेगी।
उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में नए शैक्षणिक सत्र के पहले माह में लिए जानेवाले शुल्क का मिलान पूरे वर्ष लिए गए शुल्क से किया जाएगा। यदि कोई स्कूल नए सत्र में अधिक राशि की वसूली करता है तो इसपर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने री एडमिशन के नाम पर पैसे लेने की शिकायत उपायुक्तों से करने की भी अपील अभिभावकों से की। मंत्री ने निजी स्कूलों में आरटीई के तहत बीपीएल बच्चों के नामांकन पर विभाग से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों को 25 फीसद सीटों पर बीपीएल बच्चों का हर हाल में नामांकन लेना होगा।
कागज पर शिकंजा कसनेवाला कानून
राज्य सरकार ने दो वर्ष पूर्व ही प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा कसने तथा लिए जानेवाले शुल्क के नियमन के लिए झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम लागू किया है। लेकिन यह अधिनियम अभी तक कागज पर ही है। इसे लागू नहीं किया जा सका है। इसमें शुल्क निर्धारण के लिए स्कूल स्तर पर अभिभावकों के अलावा जिला व राज्य स्तर पर कमेटियां गठित करने की बात कही गई है। लेकिन स्कूलों में कमेटियां गठित ही नहीं की गर्ईं।
फिर से खुलेंगे बंद सभी स्कूल
मंत्री ने विलय के क्रम में बंद हुए सरकारी स्कूलों को फिर से खोलने की बात कही है। पिछली सरकार ने स्कूलों के पुनर्गठन के क्रम में लगभग साढ़े चार हजार स्कूल बंद कर दिए थे। मंत्री ने 15 मार्च तक सभी बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने की बात कही है। मंत्री ने गढ़वा के एक आवासीय स्कूल में निर्दोष छात्रा के गर्भवती होने के मामले में कमेटी गठित करने तथा उसकी रिपोर्ट के आधार पर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की भी बात कही है।