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आज मत पडि़ए बीमार, खाली मिलेंगे अस्पताल

शुक्रवार को बीमार नहीं पडऩा ही ठीक रहेगा। कल राज्य के सरकारी अस्पतालों के अलावा मेडिकल कॉलेजों के भी चिकित्सक कार्य बहिष्कार करेंगे। आउटडोर ठप रहेगा। सरकारी चिकित्सकों की मांगों के समर्थन में आइएमए के आह्वान पर निजी चिकित्सक भी हड़ताल पर रहेंगे। केवल आकस्मिक सेवाओं, ट्रामा सेेंटर व पोस्टमार्टम को ही हड़ताल से मुक्त रखा गया है। स्वास्थ्य सेवाएं शनिवार से ही सही ढंग से बहाल हो पाएंगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2016 06:34 AM (IST)
आज मत पडि़ए बीमार, खाली मिलेंगे अस्पताल

जागरण संवाददाता, रांची। शुक्रवार को बीमार नहीं पडऩा ही ठीक रहेगा। कल राज्य के सरकारी अस्पतालों के अलावा मेडिकल कॉलेजों के भी चिकित्सक कार्य बहिष्कार करेंगे। आउटडोर ठप रहेगा। सरकारी चिकित्सकों की मांगों के समर्थन में आइएमए के आह्वान पर निजी चिकित्सक भी हड़ताल पर रहेंगे। केवल आकस्मिक सेवाओं, ट्रामा सेेंटर व पोस्टमार्टम को ही हड़ताल से मुक्त रखा गया है। स्वास्थ्य सेवाएं शनिवार से ही सही ढंग से बहाल हो पाएंगी।

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मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने सहित कई मांगों को लेकर सरकारी चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। चिकित्सक अस्पताल तो पहुंचे, लेकिन कोई काम नहीं किया। राज्य के सदर अस्पतालों समेत सभी ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-बड़े सरकारी अस्पताल प्रभावित इससे प्रभावित रहे। मरीज लौटते रहे। रांची में सदर अस्पताल, राजकीय औषधालय, डोरंडा में सिर्फ इमरजेंसी सेवा ही चालू रही।

इधर, झारखंड राज्य चिकित्सा सेवा संवर्ग (झासा) के सचिव डॉ. विमलेश सिंह ने बताया कि 14 अक्टूबर तक सरकार को मोहलत दी गई है। सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो 15 अक्टूबर से राज्यभर के करीब 1100 सरकारी डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा सौंप देंगे।


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