सबको शिक्षा, बिजली और गांवों का विकास- मुख्यमंत्री ने पेश किया सबसे बड़ा बजट
सबको शिक्षा, गांवों का विकास, ग्रामीण क्षेत्रों तक ऊर्जा, पथ और पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ कृषि और महिलाओं के सशक्तीकरण का संकल्प सरकार के बजट में साफ परिलक्षित हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, रांची। सतत विकास के लक्ष्य 'विजन 2030' और गरीबों के जीवनस्तर में सुधार की मंशा, झारखंड सरकार के वर्ष 2017-18 के बजट का तानाबाना इन्हीं दोनों जरूरतों को ध्यान में रखकर बुना गया है। सबको शिक्षा, गांवों का विकास, ग्रामीण क्षेत्रों तक ऊर्जा, पथ और पेयजल की उपलब्धता के साथ-साथ कृषि और महिलाओं के सशक्तीकरण का संकल्प सरकार के बजट में साफ परिलक्षित हो रहा है। गरीबों के जीवन स्तर में सुधार को भी सरकार ने वर्ष 2017-18 को 'गरीब कल्याण वर्ष' के रूप में मनाने की घोषणा कर साधा है। हालांकि, जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश में सरकार के पांव तनिक चादर से बाहर भी आ गए हैं, जो 6,947 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे के रूप में परिलक्षित हो रहा है। लेकिन राजकोषीय घाटे ने अपनी सीमाओं को नहीं लांघा है और यह 2.29 फीसद तक ही सीमित रहा है।
चिकित्सकों ने बजट को सराहा
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बतौर वित्तमंत्री सोमवार को विधानसभा में आय और व्यय के संतुलन के अनुमान के आधार पर 75,673.42 करोड़ का भारी भरकम बजट प्रस्तुत किया। यह पिछले बजट की तुलना में 19.17 फीसद वृद्धि को दर्शा रहा है। राज्य गठन के बाद यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इसके साथ ही देशभर में सबसे पहले बजट पेश करनेवाला झारखंड पहला राज्य बन गया है।परंपरागत योजना और गैर योजना से इतर इस बार सरकार ने राजस्व व्यय और पंूजीगत व्यय को बजट का आधार बनाया है। कुल राजस्व व्यय 57,861.32 करोड़ (18.66 प्रतिशत की वृद्धि) और पूंजीगत व्यय 17,812.10 करोड़ (20.84 फीसद की वृद्धि) को आंका गया है। बजट में कोई नया कर नहीं लगाकर रघुवर सरकार ने जनता को राहत प्रदान की है।
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एससी-एसटी के लिए बजट
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राज्य सरकार ने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के विकास पर विशेष फोकस किया है। अनुसूचित जनजाति क्षेत्र और अनुसूचित जाति के विकास के लिए विधानसभा के चालू सत्र में अलग से बजट पेश किया जाएगा। अनुसूचित जनजाति क्षेत्र एवं अनुसूचित जाति विकास बजट का कुल आकार 22,259 करोड़ रुपये होगा, जो विभिन्न स्कीमों के लिए निर्धारित कुल बजटीय प्रावधान का 51.5 प्रतिशत होगा।
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कृषि बजट में 12 और जेंडर बजट में 30 फीसद वृद्धि
कृषि और महिला विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इनके बजट में क्रमश: 12 और 30 फीसद की वृद्धि की है। कृषि और जल संसाधन के लिए संयुक्त रूप से 5590.92 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जबकि गत वर्ष पहली बार पेश किए गए जेंडर बजट को आगे बढ़ाते हुए इस बार इनमें तीस प्रतिशत वृद्धि कर इसके लिए 7684.51 करोड़ रुपये किया गया है। बजट चर्चा के दौरान सरकार इन दोनों वर्गों के लिए अलग से बजट पेश करेगी।
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बजट में किसके लिए क्या
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कृषि
चार लाख डोभा का होगा निर्माण 345 बड़े तालाबों का गहरीकरण। दस जिलों में बनेंगे कोल्ड स्टोरेज। सभी प्रखंडों में होगी कृषि सिंगल विंडो की स्थापना। समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को एक प्रतिशत ब्याज में छूट।
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स्कूल
सभी स्कूलों के प्रभारी शिक्षकों को मिलेगा टैब। मिड डे मील के लिए मिलेगा एलपीजी गैस सिलेंडर। सभी प्रमंडलों में नेतरहाट की तर्ज पर स्कूल।
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उच्च शिक्षा
धनबाद में विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय। बोकारो, रांची और देवघर में इंजीनियङ्क्षरग कालेज। विश्वविद्यालय बस सेवा होगी शुरू। मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना होगी शुरू।
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आधी आबादी
एक लाख सखी मंडलों को एक-एक स्मार्ट फोन। 1.21 लाख नए सखी मंडलों का होगा गठन। आंगनबाड़ी केंद्रों को एलपीजी कनेक्शन।
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ग्रामीण विकास
1.58 लाख आवास बनाएं जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए जोहर येाजना शुरू की जाएगी। 4100 बसावटों को ग्रामीण पथों से जाएगा जोड़ा।
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स्वास्थ्य
सभी प्रमंडलों में एक-एक फार्मेसी कालेज। लातेहार, लोहरदगा, देवघर, पाकुड़, कोडरमा में एएनएम स्कूल।
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कुटीर उद्योग
कुटीर एवं झारखंड के परंपरागत उद्योगों के विकास के लिए मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड का होगा गठन।
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स्वच्छ झारखंड
अगले वित्तीय वर्ष दस जिलों को खुले में शौच से किया जाएगा मुक्त। इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक दो जिले हो जाएंगे ओडीएफ।
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एससी-एसटी और ओबीसी
मुख्यमंत्री शिक्षा ऋण गारंटी फंड का होगा गठन। टाना भगत विकास प्राधिकार। आदिम जनजातियों के डाकिया योजना की शुरुआत।