झारखंड में खुलेंगी को-ऑपरेटिव बैंक की 23 शाखाएं
सहकारी समितियों और ग्रामीणों को समृद्ध करने की कड़ी में राज्य में को-ऑपरेटिव बैंक की 23 नई शाखाएं खोलने की तैयारी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। सहकारी समितियों और ग्रामीणों को समृद्ध करने की कड़ी में राज्य में को-ऑपरेटिव बैंक की 23 नई शाखाएं खोलने की तैयारी है। इसी तरह ग्रामीणों और किसानों को पंचायत स्तर पर बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराने के लिए 1000 बिजनेस कॉरोस्पोंडेंट (बीसी) बहाल किए गए हैं, जिन्हें माइक्रो एटीएम उपलब्ध कराया गया है। मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान बैंक के पदाधिकारियों ने यह जानकारी मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को दी।
मुख्य सचिव ने इस दौरान पदाधिकारियों को नए सिरे से एक हजार और बिजनेस कॉरोस्पोंडेंट बहाल करने तथा इस साल 2000 पंचायतों को बैंकिंग सुविधा से जोडऩे का टास्क सौंपा।
बीसी के चयन में उन्होंने सखी मंडल, मत्स्य मित्र, पशु मित्र तथा दुग्ध मित्रों को प्राथमिकता देने तथा इनके चयन के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित करने की नसीहत दी। साथ ही एक-एक बीसी को 50-50 बैंक अकाउंट खोलने का जिम्मा देने को कहा।
मुख्य सचिव ने इस बीच मत्स्य विभाग के क्रियाकलापों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मत्स्य मित्रों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की तर्ज पर फिश क्रेडिट कार्ड (एफसीसी) उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया। साथ ही हैचरी निर्माण के कार्य में तेजी लाने तथा मत्स्य उद्यमी प्रोत्साहन योजना की शुरूआत के लिए प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया।
विभागीय पदाधिकारियों ने इस दौरान 700 रिवर फिश फार्मिंग में से 677 स्थलों पर बांस, जाल, मछली बीज उत्पादन आदि की जानकारी मुख्य सचिव को दी। साथ ही 35 सखी मंडलों को जाल बुनने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसे वृहद स्वरूप देने के लिए कारखाना लगाए जाने की भी सरकार की योजना है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 130 हैचरी निर्माण के लिए जगह चिह्नित कर लिए गए हैं।