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चारा घोटाले में लालू यादव को मिल सकता है तात्‍कालिक राहत, आज टल सकता फैसला

राजद सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव को तात्‍कालिक राहत मिल सकती है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 15 Mar 2018 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 01:32 PM (IST)
चारा घोटाले में लालू यादव को मिल सकता है तात्‍कालिक राहत, आज टल सकता फैसला
चारा घोटाले में लालू यादव को मिल सकता है तात्‍कालिक राहत, आज टल सकता फैसला

रांची  [जागरण संवाददाता]। राजद सुप्रीमो व बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव को तात्‍कालिक राहत मिल सकती है। चारा घोटाला से संबंधित एक मामले में रांची की सीबीआइ कोर्ट का गुरुवार को आने वाला फैसला टल सकता है। लालू ने इस बाबत कोर्ट में अर्जी दी है, जिस पर अपराह्न दो बजे सुनवाई है। विदित हो कि लालू ने घोटाला के दौरान रहे तत्‍कालीन एजी सहित तीन को आरोपित बनाने की मांग करते हुए तब तक के लिए फैसला टालने की अर्जी दी है। 

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बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भले ही बिहार की एक लोकसभा सीट और एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर खुश हों लेकिन उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती है। रांची की सीबीआई अदालत चारा घोटाला के चौथे मामले में फैसला होना बांकी है। कोर्ट ने 5 मार्च को सुनवाई पूरी करते हुए सजा सुनाने के लिए 15 मार्च की तारीख मुकर्रर की थी। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार (ट्रेजरी) से 3 करोड़ 76 लाख की अवैध निकासी का आरोप है। ये पैसे जानवरों के खाने के सामान, दवाओं और कृषि उपकरण के वितरण के नाम पर निकाले गए थे। उस दौरान पैसे के आवंटन की सीमा अधिकतम एक लाख 50 हजार ही थी। जब यह निकासी हुई थी लालू उस समय मुख्यमंत्री थे। इस मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 31 आरोपी हैं।

 लालू प्रसाद को वर्ष 2013 में सुनाई गई थी सजा

चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला कांड संख्या आरसी 20ए/96 के पूरक अभिलेख में गुरुवार को 18 अभियुक्तों का बयान अदालत में दर्ज करने की बात है । सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शंभू लाल साव की अदालत में अभियुक्तों का बयान दर्ज होगा। अभियुक्तों को अदालत में हाजिर होने का आदेश पूर्व में दिया जा चुका है। इस मामले में लालू प्रसाद को वर्ष 2013 में सजा सुनाई गई थी। उसके पूरक अभिलेख की सुनवाई अदालत में चल रही है। मामले में 18 अभियुक्त अदालत में ट्रायल फेस कर रहे हैं। यह मामला 37 करोड़ 70 लाख 39 हजार 743 रुपये अवैध निकासी से संबंधित था। मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद सहित 45 दोषियों को अक्टूबर 2013 में सजा सुनाई गई थी।

इन अभियुक्तों का होना है

बयान मामले में ट्रायल फेस कर रहे उमेश दुबे, महेंद्र कुमार कुंदन, अदिति जोरदार, विमल कुमार अग्रवाल, बृजकिशोर अग्रवाल, राम अवतार शर्मा, राजेंद्र कुमार हरित, संजीव कुमार वासुदेव, किशोर कुमार झा, बसंत कुमार सिन्हा, अपोर्णनीता कुंडू, मधु, सहदेव प्रसाद, लाल मोहन गोप, अच्युतानंद प्रसाद, भारतेश्र्वर नारायण लाल, अनिल कुमार और सैरूण निशा का बयान अदालत में होना है।

तत्‍कालीन एजी को आरोपित करने की रखी मांग

लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को बिहार के तत्कालीन एजी पीके मुखोपाध्याय, डिप्टी एजी बीएन झा और एजी ऑफिस के सीनियर डायरेक्टर जनरल प्रमोद कुमार को आरोपित किए जाने और उनके खिलाफ समन जारी करने को लेकर सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में आवेदन दिया है।

इधर, गुरुवार को भी लालू प्रसाद यादव की ओर से एक और आवेदन अदालत में दाखिल कर कहा गया है कि जब तक आरोपित बनाए जाने से संबंधित आवेदन पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तबतक के लिए फैसला को टाल दिया जाए। अदालत आवेदन पर सुनवाई के लिए दो बजे का समय निर्धारित किया है।

दुमका कोषागार से जुड़ा है मामला

विदित हो कि तत्‍कालीन बिहार (अब झारखंड) के दुमका कोषागार से करीब 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में दर्ज मुकदमा नंबर आरसी 38ए/96 में लालू प्रसाद यादव, डॉ. जगन्‍नाथ मिश्र, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा व जगदीश शर्मा सहित कुल 31 आरोपी हैं। इस मामले में लालू प्रसाद यादव सहित अन्य पर धोखाधड़ी और अन्‍य धाराओं में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में सीबीआइ कोर्ट ने पांच मार्च को सुनवाई पूरी की थी।


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