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झारखंड-बिहार की 3500 कंपनियों ने खपाया 1000 करोड़ का काला धन

3500 कंपनियों ने 1000 करोड़ का काला धन खपा दिया है। आयकर विभाग ने सबको नोटिस भेजा है। उनसे शीघ्र जवाब मांगा गया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 09 Mar 2018 12:55 PM (IST)Updated: Fri, 09 Mar 2018 01:10 PM (IST)
झारखंड-बिहार की 3500 कंपनियों ने खपाया 1000 करोड़ का काला धन
झारखंड-बिहार की 3500 कंपनियों ने खपाया 1000 करोड़ का काला धन

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड और बिहार के 3500 कंपनियों ने मुखौटा कंपनियों से शेयर लेकर 1000 करोड़ तकका काला धन खपा दिया है। आयकर विभाग ने सभी कंपनियों की सूची तैयार कर सबको नोटिस भेजा है। उनसे शीघ्र जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर इनके विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। अबतक केवल 25 फीसद कंपनियों का ही जवाब आया है। इन्हें 15 मार्च तक का वक्त दिया गया है। बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कैलाश चंद्र घुमारिया ने गुरुवार को रांची स्थित आयकर बिल्डिंग में संवाददाता सम्मेलन में यह खुलासा किया।

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इस मौके पर उनके साथ झारखंड प्रक्षेत्र के मुख्य आयकर आयुक्त वी. महालिंगम, प्रधान आयकर आयुक्त बीआर बाला नाइक, संयुक्त आयकर आयुक्त एके मोहंती, संयुक्त आयकर आयुक्त, रांची निशा उरांव सिंहमार भी मौजूद थीं। घुमारिया ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में आयकर लक्ष्य से बहुत पीछे है। 31 मार्च तक इसे पूरा करने के लिए सेल्फ असेस्मेंट टैक्स के बदले एडवांस टैक्स पर जोर दिया जा रहा है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए बिहार-झारखंड के आयकर अधिकारियों ने कर वसूली के लिए करदाताओं की सूची तैयार की है। सबको नोटिस भेजा गया है। अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। आयकर के सभी अधिकारी व कर्मी 31 मार्च के पूर्व लक्ष्य को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने जो दी जानकारी

- बिहार-झारखंड में वित्तीय वर्ष 2017-18 में कर वसूली का लक्ष्य 13200 करोड़ रखा गया था। अब तक केवल 8061 करोड़ की कर वसूली हो पाई है।

-सिर्फ झारखंड में 2750 करोड़ रुपये कर वसूली का लक्ष्य था, जिसमें 1154 करोड़ रुपये की ही वसूली हो पाई है। -रिफंड बढ़ा है। गत वर्ष जहां 1526 करोड़ रुपये रिफंड हुए थे, इस वित्तीय वर्ष में 2386 करोड़ रिफंड हुए हैं।

-वर्तमान वित्तीय वर्ष में 31 मार्च तक 5000 करोड़ रुपये आयकर वसूली का लक्ष्य है। पूरे वित्तीय वर्ष में 13200 करोड़ रुपये के लक्ष्य में टीडीएस का लक्ष्य 8500 करोड़ रुपये का है।

-टीडीएस से 8500 करोड़ रुपये की लक्ष्य के अनुपात में अब तक सिर्फ 5443 करोड़ रुपये ही मिला है।

-बिहार-झारखंड में पांच लाख दो हजार नए करदाता बनने का लक्ष्य है। इनमें 75 फीसद यानि 376500 बना लिए गए हैं। केवल झारखंड में 188363 नए करदाताओं को बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 131475 नए करदाता बनाया जा चुका है।

-ऑपरेशन क्लीन मनी के अंतर्गत बड़ी संख्या में करदाता निशाने पर हैं। 104 व्यक्तियों ने एक करोड़ से अधिक की राशि अपने खाते में नकद जमा की है। एवं 1815 व्यक्तियों ने एक करोड़ से नीचे की राशि नकद जमा की है। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध आयकर की कार्रवाई जारी है।

- आयकर बढ़ाने के लिए सेल्फ असेस्मेंट टैक्स की जगह एडवांस टैक्स के लिए प्रयास किया जा रहा है। सेल्फ असेस्मेंट टैक्स वाले शक के घेरे में रहते हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष के कर वृद्धि के लिए एडवांस टैक्स 15 मार्च के पहले भरना है।

-इस वर्ष आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मार्च रखी गई है। अब एक वित्तीय वर्ष का आयकर रिटर्न उसी वित्तीय वर्ष में भरना है। पहले यह दो साल में भरना होता था। इसलिए आयकर रिटर्न अभी से ही भर दें।

-कृषि आय में पांच लाख रुपये से ऊपर के आय वाले 400 से ज्यादा लोगों को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। -बिल्डर को जमीन देने वाले जमीन मालिकों को भी टैक्स देना है। जो नहीं दिए हैं, वैसे लोगों पर कार्रवाई होने जा रही है। ऐसे 99 फीसद लोगों ने टैक्स नहीं भरा है।

-आयरन ओर सस्ते दर पर लेकर कई कंपनियां बाहर के बाजार में बेचकर मालामाल हो रही है और टैक्स की चोरी कर रही है। ऐसी कंपनियों को आयकर विभाग ने चिह्नित किया है।

-टीडीएस एवं टीसीएस के संबंध में बड़ी कार्रवाई की जा रही है। इसमें बिहार-झारखंड की 114 करदाता के विरुद्ध कांड दर्ज किया जा चुका है। इसमें झारखंड की 39 कंपनियां हैं। अभी इससे अधिक कंपनियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी बाकी है।

- चैंबर ऑफ कामर्स के साथ बैठक कर आयकर विभाग ने एडवांस टैक्स भरवाने और रिटर्न दाखिल शीघ्र करने की बात कही है।

-वर्तमान वित्तीय वर्ष में झारखंड के 223 करदाताओं पर सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। जो आयकर नहीं भरेंगे, उन पर आयकर विभाग कार्रवाई करने जा रही है। इसके लिए आयकर विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है।

-व्यक्तिगत टैक्स बढ़ा है, कंपनी का टैक्स घटा है। अभी तक व्यक्तिगत कर से 300 करोड़ का कर आया है। जबकि यह कर गत वित्तीय वर्ष में 184 करोड़ रुपये था। 

सीसीएल से 106 करोड़ व बीसीसीएल से 20 करोड़ का जुर्माना वसूला

बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कैलाश चंद्र घुमारिया ने बताया कि कोयला घोटाला झारखंड का मुख्य मुद्दा है। यहां की सैकड़ों कंपनियां सरकार की इस योजना का गलत उपयोग कर रही है। खुद के उपयोग के नाम पर सस्ते दर पर सीसीएल-बीसीसीएल से कोयला लेकर उसे खुला बाजार में बेचकर टैक्स चोरी कर रही है। इसमें कोल कंपनियां भी आयकर अधिनियम 27 (सी) के तहत बिना टैक्स काटे उन्हें कोयला मुहैया कराई है। ऐसी स्थिति में सीसीएल से 106 करोड़ व बीसीसीएल से 20 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। इसमें बड़े-बड़े कोयला माफिया जुड़े हुए हैं। इन पर सख्ती शुरू हो चुकी है। गौतम कोल कंपनी रांची सहित 10-12 कंपनियों पर कार्रवाई हो चुकी है।

नोटबंदी में 10 लाख रुपये से ज्यादा जमा करने वालों को नोटिस

आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान 10 लाख रुपये से ज्यादा रुपये जमा करने वाले 10 हजार लोगों को नोटिस भेजा है। जिनका जवाब संतोषजनक नहीं मिला, उन्हें टैक्स भरना होगा। नहीं भरने पर आयकर विभाग आयकर सर्वे, सर्च की कार्रवाई करेगा। इसकी मॉनीटरिंग हो रही है।

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