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होली पर सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकप्ल लेंः रघुवर

मुख्यमंत्री रघुवर ने ट्वीट कर कहा कि इस होलिका दहन पर संकल्प लें कि हम सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में अपनी भागीदारी अवश्य निभाएंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 01 Mar 2018 02:18 PM (IST)Updated: Thu, 01 Mar 2018 06:10 PM (IST)
होली पर सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकप्ल लेंः रघुवर
होली पर सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकप्ल लेंः रघुवर

रांची, जेएनएन। होली पर झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर कहा कि इस होलिका दहन पर संकल्प लें कि हम सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में अपनी भागीदारी अवश्य निभाएंगे। होलिका दहन का यह दिन बुराइयों को अग्नि में जलाकर भस्म करने का दिन है। 

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मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात कर होली की बधाई दी।

इस बीच, होली को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में सुरक्षा बल व पुलिस के अधिकारियों और जवानों ने फ्लैग मार्च किया। 

होलिका दहन का उत्तम मुहूर्त

हिंदुओं के हर्ष उल्लास व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रमुख पर्व होली के पूर्व होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि की रात्रि में किया जाता है। पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्ध भाग में भद्रा व्याप्त रहती है। शास्त्र के अनुसार, भद्रा में होलिका दहन वर्जित है। ज्योतिषाचार्य पंडित रमाशंकर तिवारी ने बताया कि इस बार पूर्णिमा तिथि एक मार्च गुरुवार को प्रात: 7:53 बजे से प्रारंभ होकर गुरुवार को ही रात्रि शेष 6:03 बजे तक रहेगी।

पूर्णिमा तिथि के पूर्वार्ध में भद्रा गुरुवार को संध्या में 6:58 बजे तक रहेगी। होलिका दहन का उत्तम मुहूर्त पूर्णिमा तिथि में गुरुवार को प्रदोष काल में रात्रि 7:00 बजे के उपरांत मघा नक्षत्र, सुकर्मा योग एवं सिंह राशि में किया जाएगा। होलिका दहन से पूर्व ढुंढा राक्षसी की पूजन का विधान है। उन्होंने बताया कि होलिका दहन के समय ‘ओम् होलिकायै नम:’ मंत्र का जप करना उत्तम रहेगा।

होली को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में फ्लैग मार्च करते अधिकारी और जवान।

जीवन में रंगों का है खास महत्व 

गौरतलब है कि जीवन को रंगीन बनाने में रंगों का खास महत्व है। इसके चलते भी होली का पर्व हर किसी का पंसदीदा होता है। होली सभी के जीवन में खुशियां और रंग भर देती है। जीवन को रंगीन बनाने के कारण इस पर्व को रंग महोत्सव भी कहा जाता है। होली के त्योहार को एकता ,प्यार और सद्भावना का प्रतीक भी माना गया है। यह एक पारंपरिक और सांस्कृतिक हिंदू त्योहार है। होली के पर्व को बुराई पर अच्छाई की सफलता का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व हिंदुओं का पर्व है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन होलिका जलाई जाती है और अगले दिन रंगों से होली खेली जाती है। 

इसलिए मनाई जाती है होली

विक्रम संवंत के अनुसार, होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली शब्द ‘होला’ से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए भगवान का पूजन करना है। इस दिन नई और स्वस्थ्य फसल पाने के लिए पूजा की जाती है। कहा जाता है कि जो भक्त प्रहलाद की तरह भगवान के प्रिय हैं, उनकी रक्षा होगी और होलिका जैसे पापी हैं उन्हें दंडित किया जाएगा।

सिमडेगा में खिलाड़ियों ने इस तरह मनाई होली

सिमडेगा अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में विभिन्न छात्रावासों के खिलाड़ियों ने होली मिलन समारोह मनाया। समारोह में हॉकी सिमडेगा के महासचिव मनोज कोनबेगी द्वारा संचालित छात्रावास के बालक हॉकी खिलाड़ी, संयुक्त सचिव कमलेस्व्रर मांझी द्वारा संचालित छात्रावास की बालिका हॉकी, एथलेटिक्स,सिलम्बम तथा बालक कुश्ती खिलाड़ी, आवासीय बालिका हॉकी सेंटर सिमडेगा की बालिका हॉकी खिलाड़ी तथा एसएस बालिका उच्च विद्यालय छात्रावास के खिलाड़ी व विद्यार्थी तथा करंगागुड़ी स्कूल के हॉकी खिलाड़ियों के साथ-साथ हॉकी सिमडेगा की अध्यक्ष सह भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम की कोच असुंता लकड़ा, हॉकी सिमडेगा के महासचिव मनोज कोनबेगी,संयुक्त सचिव कमलेश्वर मांझी, आवासीय बालिका हॉकी प्रशिक्षण केंद्र की कोच प्रतिमा बरवा, डे बोर्डिंग बोलबा कोच तारिणी कुमारी, डे बोर्डिंग कोच सुभिला मिंज, एम्पायर विनीत मिंज, नवीन मिंज, नॉमिता खलखो, दिब्या डुंगडुंग, कुनुल भेंगरा इत्यादि उपस्थित थे।

होली मिलन समारोह में सभी खिलाड़ियों व गुरुजनों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी और सभी लोंगों ने मिलकर आधुनिक गीतों में साथ नृत्य किए तथा अंत मे सभी ने सामूहिक भोज में भाग लिए। समारोह का आयोजन हॉकी सिमडेगा के महासचिव मनोज कोनबेगी, संयुक्त सचिव कमलेश्वर मांझी व आवासीय बालिका हॉकी सेंटर की कोच प्रतिमा बरवा ने संयुक्त रूप से किया।

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