केंद्र सरकार ने देशभर की 24 कंपनियों को विनिवेश सूची में डाला, उनमें एचईसी का नाम नहीं
प्रबंधन इसे सिरे से खारिज करता है। दिल्ली भी गए, पर उन्हें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है। आखिर इस मामले को क्यों तूल दिया जा रहा है?
By BabitaEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 12:45 PM (IST)Updated: Sun, 11 Feb 2018 12:54 PM (IST)
v style="text-align: justify;">रांची, शक्ति सिंह। भारी अभियंत्रण निगम (एचईसी) को निजी क्षेत्र में देने की केंद्र सरकार पर साजिश रचने का आरोप लगाने वाले सांसद रामटहल चौधरी के दावे पर एचईसी के सीएमडी अविजीत घोष ने आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि कंपनी की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। एचईसी को निजी क्षेत्र में देने की कोई योजना ही नहीं है। केंद्र सरकार ने भी जिन 24 कंपनियों को बीमार मानकर विनिवेश का प्रस्ताव तैयार किया है, उनमें एचईसी का नाम नहीं है। ऐसे में इस तरह की अफवाह का उन्हें कोई आधार नजर नहीं आ रहा है।
केंद्र ने इन कंपनियों के विनिवेश का तैयार किया है प्रस्ताव एचसीएल, नाल्को, हुडको, ओआइएल, आरसीएफएल, एनएफएल, सीएसएल, ईआइएल, एनटीपीसी, बीईएल, बीडीएल, एनएलसी, एमडीएल, इरकॉन, एचएएल, जीआरएसइ, एचएससीसी, एसपीएमसीआइएल, एनएमडीसी, जीआइसी, एनआइए व एचपीसीएल न मिला कोई पत्र, न आदेश सीएमडी ने स्पष्ट किया है कि उन्हें न तो कोई मंत्रालय से आदेश मिला है और न ही पत्र। सारी बातें अफवाह हैं। ऐसी अफवाहों से एचईसी का उत्पादन प्रभावित होगा और कर्मचारियों का मनोबल गिरेगा। प्रबंधन इसे सिरे से खारिज करता है। दिल्ली भी गए, पर उन्हें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है। आखिर इस मामले को क्यों तूल दिया जा रहा है?
घाटे से उबरेगा एचईसी
एचईसी का पूरा ध्यान सिर्फ उत्पादन बढ़ाने पर है। इसके लिए डेढ़ माह तक दिन-रात एक कर उत्पादन बढ़ाया जाएगा ताकि पिछले वर्ष के घाटे की भरपाई हो सके। उन्होंने विश्वास जताया कि इस वर्ष बेहतर और संतोषजनक उत्पादन किया जाएगा।
कर्मचारियों को भी कराया अवगत
सीएमडी ने बताया कि उन्होंने कर्मियों के साथ भी बैठक की है और उन्हें सच्चाई से अवगत कराया है। उन्हें आश्वस्त किया गया कि विनिवेश की कोई सूचना नहीं है।
अनंत गीते ने रोजगार सुरक्षित रहने का दिया था आश्वासन
सीएमडी ने बताया कि भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने कुछ दिन पहले एचईसी के एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। उन्होंने कर्मचारियों को आश्वस्त किया था कि एचईसी के सभी कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित रहेगी। वे बेहतर काम कर रहे हैं। इसी तरह काम करें। केंद्रीय सचिव ने भी अपने दौरे के दौरान एचईसी के कार्यों की सराहना की थी।
पिछले वर्ष नीति आयोग ने भी एचईसी के पक्ष में दी थी रिपोर्ट पिछले वर्ष नीति आयोग की टीम ने एचईसी
का दौरा किया था। उस दौरान भी आयोग के सदस्य संतुष्ट दिखे थे और एचईसी के पक्ष में अपनी रिपोर्ट दी थी। इसलिए ऐसी परिस्थिति में कंपनी को निजी हाथों में सौंपने की बात का कोई मतलब ही नहीं।
एचईसी सीएमडी घोष के बयान के बाद क्या कहते हैं पीएम को चिट़ठी लिखने वाले सांसद
मंत्री से मिलने के बाद ही स्थिति साफ होगी एचईसी के मसले पर सप्ताहभर बाद भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते ने मुझे मिलने के लिए दिल्ली बुलाया है। वहां एचईसी पर चर्चा होगी। इसके बाद ही स्थिति साफ होगी।
-रामटहल चौधरी, सांसद, रांची
झूठ बोल रहे सीएमडी
कोई बात होगी तभी उनके अलावा कई भाजपा सांसदों ने इसका विरोध किया। सांसद पागल हैं जो यह मामला केंद्र में उठा रहे हैं। उनके अनुसार, एचईसी सीएमडी झूठ बोल रहे हैं।
-कडिय़ा मुंडा, सांसद, रांची
हमने तो पुनरुद्धार की मांग की है
हमने एचईसी के पुनरुद्धार की मांग की है। इसके बंद होने या विनिवेश की कोई बात नहीं है। एचईसी के लिए सुधारात्मक उपाय करने की मांग केंद्र से की गई है।
-सुनील कुमार सिंह, सांसद, चतरा
स्पष्ट कुछ भी नहीं
बात रांची से उड़ी है, इस मामले में स्पष्ट कुछ भी नहीं है। सरकार का ऐसा कोई निर्णय नहीं है। अलबत्ता सरकार एचईसी की बेहतरी के लिए जरूर सोच रही है।
-रवींद्र कुमार राय, सांसद, कोडरमा
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