योग से बदल सकता है समाज
कुलपति ने कहा कि सभी के लिए योग जरूरी है। यह उपाय एक समाधान है।
जागरण संवाददाता, रांची : योग मे इतनी ताकत है कि वह न केवल व्यक्ति, बल्कि समाज को बदल सकता है। योगी बनने के लिए संन्यास लेना जरूरी नही है। बदलती संस्कृति मे भारतीय योग एक सम्यक उपाय है। योग जीवन जीने की प्रक्रिया है, जिसे हमारे साधु-संतो ने कठिन साधनो से विकसित किया। योग का आंदोलन भारतीय समाज का स्वाभाविक और स्वस्फूर्त जागरण है। ये बाते मुंगेर स्थित इंटरनेशनल योग संस्थान के स्वामी डॉ. योग प्रताप सरस्वती ने कहीं।
वह शनिवार को रांची विवि के पीजी योग विभाग में विद्यार्थियो को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम मे प्रोवीसी प्रो. कामिनी कुमार, विभागाध्यक्ष डॉ. टुल्लू सरकार, डॉ. आशीष झा, डॉ. सरस्वती मिश्रा, डॉ. हनुमान शर्मा, को-ऑर्डिनेटर डॉ. आनंद ठाकुर, याज्ञवल्क्य शुक्ल, एसके मिश्रा, डॉ. बीबी राय, सीनेट सदस्य शशांक राज, डॉ. महेश सोनी सहित अन्य थे।
कराएं शैक्षणिक भ्रमण
कुलपति डॉ. रमेश कुमार पांडेय ने दोनो अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कुलपति ने कहा कि सभी के लिए योग जरूरी है। यह उपाय एक समाधान है। शीघ्र ही योग विभाग को बड़ा परिसर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होने कहा कि विभाग एक सप्ताह का मुंगेर स्थित योग आश्रम का शैक्षणिक भ्रमण का कार्यक्रम बनाए। डॉ. सत्यस्वरूप सरस्वती ने योगाभ्यास कराया।