हेमंत सोरेन बोले, केंद्र ने लौटाया भूमि अर्जन संशोधन विधेयक
हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार बड़े घरानों को जमीन सौंपना चाहती है।
राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्र सरकार ने झारखंड विधानसभा से पारित कराकर भेजे गए भूमि अर्जन एवं पुनर्वास संशोधन विधेयक-2017 को वापस कर दिया है। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने इस बाबत केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए दस्तावेज गुरुवार को सार्वजनिक किए।
उन्होंने दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संशोधन विधेयक पर पुनर्विचार की गुजारिश राज्य सरकार से की है। इससे पूर्व छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम और संताल परगना काश्तकारी अधिनियम में फेरबदल की राज्य सरकार की सिफारिश को भी गवर्नर ने पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था।
अपने आवास पर मीडिया से रूबरू हेमंत सोरेन ने कहा कि यह झारखंड के लोगों की जीत है। सरकार बड़े घरानों को जमीन सौंपना चाहती है। सीएनटी-एसपीटी कानून में परिवर्तन का भी प्रयास हुआ था। राज्यपाल ने उसे वापस कर झारखंड को लोगों का सम्मान हासिल किया। इस प्रयास में असफल रहने के बाद मुख्यमंत्री ने रैयतों की जमीन हड़पने का दूसरा तरीका निकला। भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को संशोधित करने का प्रस्ताव बहुमत से पारित कराया गया।
बकौल हेमंत सोरेन, केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि सरकार के संशोधन को सहमति देने से कृषि योग्य भूमि में कमी आएगी। यह राष्ट्रीय कृषि नीति और राष्ट्रीय पुनर्वास नीति के भी खिलाफ है। उन्होंने मांग की कि राज्यपाल जमीन घोटाले और माफिया से साठगांठ की जांच कराए और सदन में अमर्यादित आचरण के लिए मुख्यमंत्री को बर्खास्त करें।
राज्य सरकार का जवाब तैयार, जल्द भेजा जाएगा
भूमि अर्जन पुर्नवास संशोधन विधेयक को लेकर केंद्र सरकार के स्तर से सौंपे गए सुझावों पर राज्य सरकार का जवाब तैयार है, जिसे जल्द ही भेजा जाएगा। जिन सुझावों के बाबत केंद्र सरकार ने ध्यान आकृष्ट कराया है उनका अनुपालन पूर्व से किया जा रहा है। झारखंड भूमि अर्जन, पुनर्वास ओर पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार नियमावली 2015 में यह बातें स्पष्ट रूप से दर्ज हैं। इसी को आधार बनाते हुए राज्य सरकार केंद्र सरकार को जवाब भेजेगी।
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