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बागी विधायकों के मामले में इसका जवाब नहीं दे पाए गवाह

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर झाविमो को न्याय नहीं मिलता है तो वे व्यक्तिगत तौर पर स्पीकर के खिलाफ न्यायालय जाएंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Thu, 21 Dec 2017 04:59 PM (IST)Updated: Fri, 22 Dec 2017 05:14 PM (IST)
बागी विधायकों के मामले में इसका जवाब नहीं दे पाए गवाह
बागी विधायकों के मामले में इसका जवाब नहीं दे पाए गवाह

रांची, रांची। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के बागी विधायकों के मामले में आज स्पीकर के कोर्ट में तीन लोगों की गवाही हुई। लिखित गवाही में क्या है, गवाह इसका जवाब नहीं दे पाए। झाविमो के छह विधायक भाजपा में चले गए थे। आज बागी विधायक आलोक चौरसिया की ओर से गवाही हुई।

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इन विधायकों में बढ़ी बेचैनी
झाविमो से भाजपा में शामिल विधायकों के मामले में सुनवाई की प्रक्रिया फैसले के करीब पहुंच रही है। इसकी आहट से पाला बदलने वाले विधायकों की बेचैनी बढ़ गई है। शुक्रवार को स्पीकर कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई। इस मामले में स्पीकर दिनेश उरांव के कड़े रुख से जहां पाला बदलने वाले विधायकों की सांसे अटकी थीं, वहीं झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाने में जुट गए हैं।

बाबूलाल मरांडी ने सुनवाई के मामले में स्पीकर पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। कहा, झाविमो द्वारा विधायकों की सदस्यता रद करने को लेकर याचिका दायर की गई है। तीन साल से सुनवाई चल रही है, लगता है कि मामले को लटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर झाविमो को न्याय नहीं मिलता है तो वे व्यक्तिगत तौर पर स्पीकर के खिलाफ न्यायालय जाएंगे। उन्होंने निर्वाचन आयोग से भी इस मामले में शिकायत करने की बात कही।

इन नेताओं से मिले :

झाविमो से भाजपा में शामिल हुए पांच विधायकों ने शुक्रवार को दिल्ली में दिन भर भाजपा के आला नेताओं की चौखट नापी। दिल्ली में डेरा डाले मंत्री अमर बाउरी, विधायक नवीन जायसवाल, जानकी यादव, गणेश गंझू व आलोक चौरसिया के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल और सह महामंत्री सौदान सिंह से मिलने की चर्चा है। बताया जा रहा है कि इन विधायकों ने संगठन के दोनों शीर्ष नेताओं के समक्ष अपने पक्ष को रखा और स्पीकर के कड़े रुख की भी जानकारी दी। शुक्रवार को विधायक रांची लौट आए हैं।

यहां डाला डेरा

वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए छह में से पांच विधायक ने अचानक दिल्ली में डेरा डाल दिया है। इन विधायकों के एक साथ दिल्ली जाने को लेकर तरह-तरह के कयास लग रहे हैं। हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर उन्होंने दिल्ली जाने की निजी वजहें बताई हैं। नवीन जायसवाल ने बताया कि वे लोग निजी कारणों से दिल्ली आए हुए हैं। दिल्ली जाने वाले विधायकों में मंत्री अमर बाउरी, विधायक नवीन जायसवाल, जानकी यादव, गणोश गंझू व आलोक चौरसिया शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के रवैये के संदर्भ में भाजपा के शीर्ष नेताओं से गुहार लगाने के सिलसिले में दिल्ली गए हैं। स्पीकर का तल्ख रवैया इन्हें असहज कर रहा है। कुछ दिनों पहले इन विधायकों ने यह मामला प्रदेश संगठन के समक्ष भी उठाया था। झाविमो से भाजपा में शामिल हुए छह बागी विधायकों के मामले में विधानसभा में स्पीकर दिनेश उरांव की कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

प्रतिवादी पक्ष (भाजपा) की ओर से गवाह नहीं पेश किए जाने पर पिछले दिनों स्पीकर ने न सिर्फ तल्खी जताई थी बल्कि सिर्फ 13 गवाहों को ही सुनने पर अपनी रजामंदी जताई थी। इन 13 गवाहों में संबंधित छह विधायक भी शामिल हैं। कोर्ट ने हर सुनवाई को कम से कम छह गवाहों को पेश करने की हिदायत दे रखी है। इस हिसाब से यह सुनवाई बमुश्किल एक-दो तिथि तक ही जारी रह सकेगी। स्पीकर के इस फैसले से विधायकों में हड़कंप है। 

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