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अवैध कब्जाधारियों को सरकार का तोहफा, मिलेगा ये लाभ

सरकारी भूखंडों पर अनियमित तरीके से रह रहे 2.1 लाख परिवारों में से सरकार की योजना का लाभ लगभग एक लाख परिवारों को मिलेगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 20 Dec 2017 01:45 PM (IST)Updated: Wed, 20 Dec 2017 01:45 PM (IST)
अवैध कब्जाधारियों को सरकार का तोहफा, मिलेगा ये लाभ

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी भूखंडों पर अनियमित कब्जा कर रह रहे लोगों को बड़ी सौगात दी है। इन्हें 12.5 डिसमिल तक सरकारी जमीन और पांच एकड़ तक कृषि योग्य भूखंड बंदोबस्त की जाएगी। इसके लिए राज्य के 33 हजार गांवों में पूर्व में ही सर्वे हो चुका है, जहां 2.1 लाख परिवार अनियमित तौर पर 6.48 लाख एकड़ भूखंड पर कब्जा कर रह रहे हैं। इनके साथ-साथ वैसे भूमिहीन ग्रामीणों को भी लाभ मिलेगा जिनके कब्जे में कोई सरकारी जमीन नहीं है।

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संयुक्त बिहार के समय से ही सरकारें लोगों को भूखंड नियमित करती रही हैं लेकिन इस बार के फैसले का अहम पहलू यह है कि इसमें अनुसूचित जनजाति, अनूसचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ सामान्य वर्ग एवं दिव्यांगों को भी जोड़ दिया गया है। मंगलवार को राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद फैसलों की जानकारी नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने दी। उनके साथ अपर मुख्य सचिव एसकेजी रहाटे और राजस्व विभाग के सचिव केके सोन भी मौजूद थे।

राजस्व सचिव केके सोन ने बताया कि अनियमित रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहनेवाले भूमिहीन लोगों के नाम जमीन की बंदोबस्ती की जाएगी। इसके अलावा सेवा में कार्यरत पूर्व सैनिकों को उनके गृह जिले में जमीन बंदोबस्त की जाती रही है। इस योजना में अब अ‌र्द्धसैनिक बलों एवं राज्य पुलिस के शहीद जवानों को भी शामिल किया गया है। इनके लिए भी ग्रामीण क्षेत्र में 5 एकड़ कृषि योग्य भूखंड और 12.5 डिसमिल आवासीय भूखंड का प्रावधान होगा। सोन ने बताया कि सरकारी भूखंडों पर अनियमित तरीके से रह रहे 2.1 लाख परिवारों में से सरकार की योजना का लाभ लगभग एक लाख परिवारों को मिलेगा। इसके साथ ही निबंधित शरणार्थियों के नाम भी आवासीय भूखंड और कृषि योग्य भूमि की बंदोबस्ती की जाएगी।

पूर्वी पाकिस्तान और म्यांमार के शरणार्थियों को भी इसका लाभ मिलेगा। शहरी क्षेत्र में सिर्फ शरणार्थियों को जमीन नियमित की जाएगी और बाकी लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में। कैबिनेट ने यह भी फैसला लिया है कि नियमितीकरण का लाभ उन्हें ही मिलेगा जो सरकारी भूखंड पर 1985 के पहले से रह रहे हैं। इसके बाद कब्जा करनेवालों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। ग्रामीण अथवा शहरी क्षेत्र में सार्वजनिक भूखंडों पर कब्जा कर रहनेवाले लोगों को इस योजना के लाभ से वंचित रखा गया है। मसलन, सार्वजनिक सड़क, मसना, नदी, पहाड़ आदि से संबंधित भूखंडों की बंदोबस्ती नहीं होगी।

इन्हें नहीं मिलेगा लाभ

- सरकारी सेवा में शामिल लोगों, सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त लोगों और आयकर दाताओं को लाभ नहीं।

- 1985 के बाद कब्जा कर सरकारी जमीन पर रहनेवाले लोगों को नहीं मिलेगा सरकार की योजना का लाभ।

- जिन्हें पूर्व में जमीन बंदोबस्त की जा चुकी है उन्हें नहीं मिल सकेगा इस योजना का लाभ

- प्रतिबंधित भूखंड मसलन सरना जीमन, मयना जमीन, आहर, मंदिर, वनभूमि, नदी, पहाड़, नाली, रास्ते पर कब्जा कर रहने वाले भी लाभ से होंगे वंचित।

- सरकारी दफ्तरों (थाना, स्कूल, अस्पताल) और राजपथ के इर्द-गिर्द 150 मीटर तक अवैध कब्जे को नियमित नहीं करेगी सरकार।

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