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लश्कर का स्लीपर सेल खंगालने में जुटी एनआइए

झारखंड एटीएस की टीम ने आतंकी संगठन में संलिप्तता के शक में 71 संदिग्धों का डाटा तैयार किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 12 Dec 2017 04:15 PM (IST)Updated: Tue, 12 Dec 2017 04:28 PM (IST)
लश्कर का स्लीपर सेल खंगालने में जुटी एनआइए
लश्कर का स्लीपर सेल खंगालने में जुटी एनआइए

रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड में लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल को खंगालने के लिए बिहार से एक आतंकी को लेकर एनआइए की टीम रांची पहुंची। हवाई जहाज से रविवार को ही एनआइए के अधिकारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक आतंकी को अपने साथ लेकर रांची पहुंच गए थे।

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उक्त आतंकी की निशानदेही पर रांची व हजारीबाग में एक साथ छापेमारी चल रही है। यहां कई संदिग्धों के नाम एनआइए के पास हैं, जिनकी कुंडली खंगाली जा रही है। इस मामले में एनआइए के अधिकारी कुछ भी बताने से इन्कार कर रहे हैं। 

जानकारी के अनुसार, पिछले दिनों एनआइए ने बिहार में आतंक के नए मॉड्यूल के लिए काम कर रहे तीन युवकों की तलाश शुरू की थी। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े इन तीन युवकों के तार महाराष्ट्र के संदिग्ध आतंकी अब्दुल नईम शेख से जुड़े होने की जानकारी मिली है।

पहले गोपालगंज से धन्नू राजा की गिरफ्तारी के बाद एनआइए का दावा मजबूत हो गया था। धन्नू राजा की निशानदेही पर ही बिहार व झारखंड के कई जिलों में लश्कर-ए-तैयबा के स्लीपर सेल की तलाश जारी है।

आतंकियों के लिए पनाहगार हैं ये जिले

रांची, हजारीबाग व जमशेदपुर आतंकी गतिविधियों के लिए पनहगार रहा है। यहां से जुड़े एक दर्जन युवा आतंकी गतिविधियों और संगठन से जुड़े होने के कारण गिरफ्तार किए जा चुके हैं। 

71 संदिग्धों का डाटा तैयार आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) झारखंड की टीम ने आतंकी संगठन में संलिप्तता के शक में राज्य के 71 संदिग्धों का डाटा तैयार किया है। उनका प्रोफाइल तैयार है। इन संदेहियों पर अल कायदा इन द इंडियन सब कांटिनेंट (एक्यूआइएस), स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), इंडियन मुजाहिदीन (आइएम), जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) बांग्लादेश और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकी संगठनों से जुड़े होने का शक है।

एटीएस ने उनके सत्यापन में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) पश्चिम बंगाल, एसटीएफ मध्य प्रदेश, एटीएस उत्तर प्रदेश, एटीएस ओडिशा, एटीएस बिहार, एटीएस तेलंगाना व एटीएस इंटेलिजेंस ब्यूरो, विशेष शाखा व अन्य जांच संगठनों से संपर्क किया था। एनआइए की टीम झारखंड एटीएस के इस इनपुट पर भी काम कर रही है।

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