बोकारो, रांची, जमशेदपुर व धनबाद के घरों में 2019 से पाइप से मिलेगी रसोई गैस
इस परियोजना का लाभ बोकारो इस्पात संयंत्र को भी मिलेगा। गेल के विपणन विभाग ने सेल के अधिकारियों से इस बात की चर्चा की है।
बोकारो, [जागरण संवाददाता] । भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय की परियोजना ऊर्जा गंगा को पूरा करने की दिशा में सार्वजनिक उपक्रम गेल इंडिया लिमिटेड ने काम तेज कर दिया है। बताया जा रहा है कि 2019 तक रांची-जमशेदपुर, बोकारो और धनबाद को पाइपलाइन से रसोई गैस की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इसके लिए गेल इंडिया के लिए बोकारो जमीन अधिग्रहण की प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
गैस की आपूर्ति ¨सदरी खाद कारखाना के लिए भी किया जाएगा। इसके गजट प्रकाशन के बाद जमीन अधिग्रहित की जाएगी। सूत्रों के अनुसार 2019 तक हर हाल में इस परियोजना को पूरा किया जाना है। योजना के अनुसार गैस पाइपलाइन से पीएनजी गैस की घरों में आपूर्ति होगी। जबकि सीएनजी की आपूर्ति वाहन व उद्योगों के लिए किया जाएगा।
2539 किलो मीटर गैस पाइपलाइन बिछाने का है प्रस्ताव :
भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्रालय ने लगभग 13 हजार करोड़ की लागत से जगदीशपुर, हल्दिया-घामरा गैस पाइपलाइन बिछाने पर काम कर रहा है। गैस पाइपलाइन से इस क्षेत्र के तीन खाद कारखानों गोरखपुर, बरौनी और ¨सदरी को भी गैस दिया जाएगा।प्रथम चरण में रांची व जमशेदपुर.. इसके अतिरिक्त प्रथम चरण में राजधानी रांची व इस्पातनगरी जमशेदपुर के घरों में गैस की आपूर्ति होगी। दूसरे चरण में पहले बोकारो व उसके बाद धनबाद में गैस पाइप लाइन से गैस आपूर्ति करने का प्रस्ताव है।
बोकारो स्टील संयंत्र को भी होगी गैस की आपूर्ति :
इस परियोजना का लाभ बोकारो इस्पात संयंत्र को भी मिलेगा। गेल के विपणन विभाग ने सेल के अधिकारियों से इस बात की चर्चा की है। ताकि गैस संयंत्र को दिया जा सके। इसका फायदा बोकारो इस्पात संयंत्र को भी होगा। कंपनी द्वारा फिलहाल प्राकृतिक गैस व कोयले की खरीद पर बड़ी राशि का व्यय होता है। पाइप से गैस मिलने पर यह समस्या दूर हो जाएगी। दूसरा गेल को एक साथ बोकारो इस्पात के शहर में तीस हजार से अधिक घरेलू ग्राहक भी मिल जाएंगे। इस वजह से कंपनी के विपणन विभाग ने सर्वेक्षण का काम प्रारंभ कर दिया है।
ओएनजीसी व गेल इंडिया मिला सकते हैं हाथ :
पर्वतपुर में सीबीएम गैस का दोहन करने वाली कंपनी ओएनजीसी गेल इंडिया से करार कर सकती है। दोनों सार्वजनिक उपक्रम गैस पाइप लाइन की परियोजना में हाथ मिला सकते हैं। पर्वतपुर व गोमिया से निकलने वाला गैस सीधे गेल इंडिया को दिया जा सकता है। चूंकि हल्दिया से आने वाला गैस भी प्राकृतिक गैस है और पर्वतपुर से निकलने वाला कोल बेड मिथेन गैस भी प्राकृतिक गैस है। दोनों उपक्रम एक ही पाइपलाइन का उपयोग कर गैस की खपत कर सकते हैं।
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