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झारखंड में आंध्र प्रदेश की तर्ज पर पास होंगे नक्शे

आवेदन में अंकित तथ्य सही पाए जाने पर पारित नक्शे अंतिम रूप से मान्य होंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 22 Oct 2017 02:15 PM (IST)Updated: Sun, 22 Oct 2017 02:15 PM (IST)
झारखंड में आंध्र प्रदेश की तर्ज पर पास होंगे नक्शे
झारखंड में आंध्र प्रदेश की तर्ज पर पास होंगे नक्शे

विनोद श्रीवास्तव, रांची। झारखंड के शहरों में आंध्र प्रदेश की तर्ज पर ट्रस्ट एंड वेरिफाई सिस्टम से नक्शा पास करने की तैयारी है। इस सिस्टम से निजी भवनों तथा बहुमंजिली इमारतों के नक्शे आवेदन प्राप्त होने के अधिकतम 30 दिनों में पास होंगे। अलबत्ता आवेदन की सत्यता परखने के लिए आर्किटेक्ट की टीम भवन निर्माण स्थल का मुआयना करेगी। आवेदन में अंकित तथ्य सही पाए जाने पर पारित नक्शे अंतिम रूप से मान्य होंगे। इससे इतर गलत जानकारी देने वाले आवेदकों के नक्शे न सिर्फ रद कर दिए जाएंगे, बल्कि झूठी जानकारी देने के लिए स्थानीय शहरी निकाय के माध्यम से विभाग उनसे जुर्माना भी वसूलेगा।

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झारखंड इस सिस्टम से नक्शा पास करने वाला आंध्र प्रदेश के बाद दूसरा राज्य होगा।ट्रस्ट एंड वेरिफाई सिस्टम को मजबूती से लागू करने के लिए विभाग आवेदनों की सत्यता परखने के लिए संविदा पर आर्किटेक्ट की फौज खड़ी करेगा। शहरों की आबादी और आवश्यकता के मुताबिक एक शहर में एक या इससे अधिक आर्किटेक्ट नियुक्तकिए जाएंगे। विभाग इस बाबत जल्द ही मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिग्री लेने वाले आर्किटेक्ट की सूची जारी करेगा। यही आर्किटेक्ट भवनों के निर्माण के बाद नक्शे के हिसाब से उसका मूल्यांकन करेंगे और आक्यूपेंसी सर्टिफिकेट प्रदान करेंगे। इस सिस्टम को पूरी मजबूती के साथ धरातल पर उतारने की कड़ी में विभाग बिल्डिंग प्लान सॉफ्टवेयर को जहां दुरुस्त करने में जुटा है, वहीं डीप बोरवेल के लिए अलग बायलॉज तथा पार्किंग पॉलिसी को सख्ती से प्रभावी बनाने की तैयारी में है।

जानिए, क्या है ट्रस्ट एंड वेरिफाई सिस्टम

नक्शा पास करने में पारदर्शिता तथा समय की बचत को केंद्र में रखकर विभाग ट्रस्ट एंड वेरिफाई सिस्टम को प्रभावी बनाने की तैयारी में है। इसके तहत आवेदक किसी आर्किटेक्ट अथवा इंजीनियर से नक्शा तैयार कराएगा। यह नक्शा आवेदक द्वारा उपलब्ध कराए गए जमीन के क्षेत्रफल, कमरों की संख्या, बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप ग्रीन स्पेस, पार्किंग आदि की उपलब्धता के आधार पर होगा। स्थानीय शहरी निकाय आवेदक के ब्योरे को सच मानकर अधिकतम 30 दिनों में नक्शा पास कर देगा। इसके बाद आर्किटेक्ट की टीम आवेदन की सत्यता परखेगी।

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