100 नहीं, 220 करोड़ निकले थे मिड डे मील के खाते से
सीएम रघुवर दास ने मिड डे मील की राशि कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में जमा होने के मामले को गंभीरता से लिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के खाते से अगस्त माह में दो बार सौ-सौ करोड़ रुपये निकल गए, जबकि वाउचर से 20 करोड़ की निकासी की गई। इनमें से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की हटिया शाखा द्वारा लगभग सौ करोड़ रुपये भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में हस्तांतरित किए गए, जबकि सौ करोड़ रुपये जिलों को भेजे गए।
सूत्रों के अनुसार, प्राधिकरण के खाते में लगभग 280.85 करोड़ रुपये जमा थे। इनमें से प्राधिकरण ने तीन अगस्त को 120.31 करोड़ रुपये जिलों के खाते में हस्तांतरण का मांग पत्र सौंपा था। स्टेट बैंक की हटिया शाखा ने पांच अगस्त को 20.29 करोड़ वाउचर से भुगतान किया, जबकि लगभग सौ करोड़ रुपये नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर से दूसरे के खाते में हस्तांतरित किए गए। बताया जाता है यह ट्रांसफर ही भानु कंस्ट्रक्शन के खाते में हुआ।
एसबीआइ ने 10 अगस्त को भी लगभग सौ करोड़ रुपये नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड ट्रांसफर के माध्यम से दूसरे खाते में हस्तांतरण कर दिए। यह राशि जिलों को भेजी गई। इस तरह, प्राधिकरण के खाते से 220 करोड़ रुपये की निकासी हो गई। जब प्राधिकरण ने 19 सितंबर को 167.77 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जिलों को हस्तांतरित करने का मांगपत्र सौंपा तो बैंक द्वारा बताया गया कि खाते में इतनी राशि नहीं है। जब स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा मामले की छानबीन की जाने लगी तो बैंक ने 19 तथा 22 सितंबर को सौ करोड़ रुपये प्राधिकरण के खाते में जमा कर दिए।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मिड डे मील की राशि कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते में जमा होने के मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मंगलवार को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक को बुलाकर मामले की पूरी जानकारी ली। सचिव ने उन्हें बताया कि बैंक की गड़बड़ी से ऐसा हुआ। उन्होंने बिल्डर के खाते में जमा हुई राशि बैंक से लौटाए जाने की भी जानकारी दी।
कमेटी दो दिन में देगी रिपोर्ट
विभागीय सचिव ने इस गड़बड़ी की जांच के लिए झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक ए मुथु कुमार की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है। इस कमेटी को सारे मामलों की जांच कर दो दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
बैंक से सूद समेत राशि वसूलेगी सरकार
इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को शो-कॉज किया है। विभागीय सचिव आराधना पटनायक ने बैंक से सूद समेत पूरी राशि का हिसाब मांगा है। लगभग सौ करोड़ रुपये 47 दिनों तक बिल्डर के खाते में रहे, जिसके सूद के रूप में लगभग 35 लाख रुपये की मांग की गई है। वहीं, अन्य सौ करोड़ रुपये जिलों को हस्तांतरित हुए या नहीं, उसका भी प्रमाण मांगा गया है।
---
बैंक की गड़बड़ी से मिड डे मील के सौ करोड़ दूसरे के खाते में हस्तांतरित हो गए थे। बैंक ने यह राशि वापस कर दी है। उसे इस गड़बड़ी के लिए शो-कॉज किया गया है। जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी भी गठित की गई है। इस तरह की गड़बड़ी भविष्य में न हो, इसके लिए प्रतिदिन बैंकों का हिसाब लेने का निर्देश दिया गया है।
-आराधना पटनायक, सचिव, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग।
पैसे वापस करने तक कंपनी यहीं रहेगी : भानु कंस्ट्रक्शन
जागरण संवाददाता, रांची : भानु कंस्ट्रकशन ने दावा पेश किया है कि कंपनी एसबीआइ का सारा पैसा वापस करेगी। इसके लिए भानु कंस्ट्रक्शन से जुडे़ सभी अधिकारी प्रयासरत हैं। भानु कंस्ट्रक्शन की जीएम अलका सिंह मंगलवार को सामने आई। उन्होंने कहा कि 70 करोड़ रुपये वापस किए जा चुके हैं। 30 करोड़ रुपये भी कुछ ही दिनों में वापस कर दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि बैंक ने सभी खातों को सील कर दिया है। ऐसे में कुछ परेशानी सामने आ रही है। इसे आने वाले दिनों में दूर कर लिया जाएगा। बैंक की ओर से सहयोग किया जाए। अगर सहयोग किया गया तो पैसे दे दिए जाएंगे। हालांकि, अलका सिंह ने कंपनी के मालिक संजय तिवारी और सुरेश कुमार के बारे में कुछ भी बताने से साफ मना कर दिया।
यह भी पढ़ेंः धौनी के घर में कंगारुओं की पार्टी, स्मिथ को दिया सरप्राइज