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बाबूलाल मरांडी ने रघुवर दास सरकार को बताया दागदार

झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रघुवर दास के दामन पर कई ऐसे दाग हैं, जो कभी नहीं धुलेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 18 Sep 2017 03:57 PM (IST)Updated: Tue, 19 Sep 2017 10:01 AM (IST)
बाबूलाल मरांडी ने रघुवर दास सरकार को बताया दागदार
बाबूलाल मरांडी ने रघुवर दास सरकार को बताया दागदार

राज्य ब्यूरो, रांची। झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि झारखंड की रघुवर दास सरकार बेदाग नहीं है। उसके दामन पर कई ऐसे दाग हैं, जो कभी नहीं धुलेंगे। उन्होंने सारंडा में आयरन ओर का उत्खनन कर रही शाह ब्रदर्स का हवाला दिया। आरोप लगाया कि कंपनी ने अवैध तरीके से 39 लाख टन आयरन ओर का उत्खनन किया।

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वन एवं पर्यावरण विभाग के तत्कालीन सचिव ने इसके विरुद्ध न सिर्फ कंपनी पर 1215 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोंका, बल्कि लीज पट्टे को भी रद कर दिया। इसके बावजूद सरकारी संरक्षण की वजह से कंपनी आज भी उत्खनन का कार्य कर रही है। वे सोमवार को मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल से मिलने तथा लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन की चेतावनी दी है।

मरांडी ने कहा कि कंपनी को 30 वर्षो के लिए लीज की अनुमति दी गई थी, जिसकी अवधि 2012 में समाप्त हो गई थी। नियमानुसार पर्यावरणीय क्लियरेंस लेने के बाद तीन वर्ष तक और उत्खनन किया जा सकता है। कंपनी ने इस अवधि में 39 लाख टन आयरन ओर का उत्खनन किया। इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस ने इसकी कीमत 605 करोड़ रुपये आंकी। साथ ही ब्याज मद में 505 करोड़ रुपये का भुगतान निर्धारित किया गया। तत्कालीन वन एवं पर्यावरण सचिव ने कंपनी को भुगतान के लिए नोटिस भेजा। उन्होंने कहा कि इस बीच केंद्र सरकार ने लीज नवीकरण की प्रक्रिया में संशोधन करते हुए इसकी अवधि 30 से बढ़ाकर 50 साल कर दी। यह उन कंपनियों पर प्रभावी था, जिसने लीज की शर्तो का उल्लंधन न किया हो।

इससे इतर कंपनी कोर्ट चली गई। मरांडी का आरोप है कि सरकार ने इस मसले पर कोर्ट को सही जानकारी नहीं दी। तत्कालीन सचिव ने इस मामले को फिर से कोर्ट में रखने का अनुरोध महाधिवक्ता कार्यालय से किया। इस बीच सचिव के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने 21 अगस्त 2017 को आदेश पारित कर कंपनी के उत्खनन कार्य पर तत्काल रोक लगाने तथा बकाये राशि की वसूली करने को कहा, परंतु सरकार मौन है।  

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