हाइवे पर अब ब्रिज के साथ बनेगा बराज भी
प्रदीप सिंह, रांची : जमीन के भीतर घटते पानी के स्तर ने सबको चिंतित किया है। इस बाबत बढ़ी सजगता का ही
प्रदीप सिंह, रांची : जमीन के भीतर घटते पानी के स्तर ने सबको चिंतित किया है। इस बाबत बढ़ी सजगता का ही परिणाम है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने निर्णय किया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनने वाले पुल के नीचे अब बराज भी बनेगा। इस अभिनव प्रयोग को धरातल पर उतारने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है। इस पत्र में ताकीद की गई है कि पथ निर्माण विभाग नए तरीके से राजमार्ग पर बनने वाले पुल के प्रस्ताव के साथ उसके नीचे पानी को रोकने और गुजरने के लिए बराज का भी प्रस्ताव तैयार करे। अनुपयोगी पुलों के स्थान पर नए पुल बनाने में भी इसी नीति को अमल में लाया जाएगा। प्रस्ताव की तकनीकी सहमति पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता स्तर के पदाधिकारी देंगे। इसके अलावा पथ निर्माण विभाग को अनापत्ति प्रमाणपत्र भी देना होगा। अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए जल संसाधन विभाग, पर्यावरण विभाग और स्थानीय प्रशासन की भी सहमति आवश्यक है।
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शुरुआती प्रयोग 100 मीटर या उससे कम लंबाई के पुल पर :
योजना के मुताबिक ब्रिज और बराज एक साथ बनाने के लिए पुल की लंबाई अधिकतम 100 मीटर होगी। इससे कम लंबाई के सभी पुल इसी विधि के तहत बनाए जाएंगे। इस दोहरे निर्माण का मकसद यह है कि पुल के नीचे बने बराज के जरिए पानी का प्रवाह और भंडारण आसानी से हो ताकि आसपास के क्षेत्र में जलस्तर ठीकठाक रहे और पानी की उपलब्धता भी बरकरार रहे। इससे आसपास की जमीन को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी। प्रयोग सफल होने के बाद पुल की लंबाई में भी इजाफा किया जा सकता है। ब्रिज के नीचे बने बराज को अधिकतम 3.5 मीटर पानी जमा रखने लायक बनाया जाएगा। इसमें जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी। इसमें आवश्यकता के अनुसार पानी ज्यादा होने पर बराज को खोला भी जा सकेगा।
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