सारंडा पर संकट, सीएम को सरयू राय ने कराया अवगत
रांची : खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने खनन से सारंडा पर पर्यावरण का संकट उत्पन्न होने का मामला
रांची : खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने खनन से सारंडा पर पर्यावरण का संकट उत्पन्न होने का मामला उठाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास को इसका प्रमाण सौंपते हुए इस पर आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है।
राय ने सारंडा वन क्षेत्र की दो तस्वीरें मुख्यमंत्री को भेजी हैं, जो गूगल अर्थ से ली गई हैं। उन्होंने कहा है कि ये तस्वीरें उस रास्ते की हैं जिनपर खनन केबाद लौह अयस्क से लदे भारी वाहनों की आवाजाही होती है। एक तस्वीर दस साल पहले की है जिसमें रास्ते सफेद दिख रहे हैं और रास्ते के किनारे के पेड़ों की पत्तियां हरी दिख रही हैं। दूसरी तस्वीर करीब एक सप्ताह पहले की है जिसमें परिवहन पथ के दोनों ओर के वृक्षों के हरे पत्तों पर लाल रंग की गहरी परत बैठी दिख रही है। उनके अनुसार, यह परत परिवहन के माध्यम से लौह अयस्क की ढुलाई से जमी है जो वहा के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाता है।
राय ने अपने पत्र में कहा है कि सड़क मार्ग से लौह अयस्क का परिवहन ऐसे ही होता रहा तो वहां के पर्यावरण, वन्य जीव, जल स्रोतों, वनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से नहीं रोका जा सकता। इसलिए आवश्यक है कि सारंडा वन में लौह अयस्क एवं अन्य खनिजों के परिवहन की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव लाया जाए। उन्होंने कहा है कि हाल ही में समर्पित सारंडा के कैरिंग कैपेसिटी स्टडी रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख किया गया है। खनन कार्य करनेवालों को लौह अयस्क परिवहन के लिए कन्वेयर बेल्ट सदृश उन्नत तकनीक का उपयोग करने के लिए बाध्य करना होगा। साथ ही फाइंस आदि को स्लरी बनाकर उनका परिवहन पाइपलाइन द्वारा ही हो। यह शर्त खनन कंपनियों द्वारा सौंपे गए माइनिंग प्लान एवं लीज एग्रीमेंट दस्तावेज में भी शामिल है। इस संदर्भ में सारंडा वन क्षेत्र की सड़कों के चौड़ीकरण या नई सड़कों के निर्माण पर फिर से पुनर्विचार करना होगा।
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