12 साल बाद गूंजेगी गीत-संगीत की ध्वनि
रांची : राची कॉलेज के विद्यार्थियों व शिक्षकों को आधुनिकतम ऑडिटोरियम का तोहफा शीघ्र मिलने वाला है। इ
रांची : राची कॉलेज के विद्यार्थियों व शिक्षकों को आधुनिकतम ऑडिटोरियम का तोहफा शीघ्र मिलने वाला है। इसके बाद किसी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम से लेकर सेमिनार तक के लिए इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 12 वर्षो के बाद जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पड़े राची कॉलेज के ऑडिटोरियम में फिर गीत-संगीत की आवाज गूंजेगी। नृत्य और संगीत पर विद्यार्थी थिरकेंगे।
मिले हैं 1.54 करोड़ रुपये
कॉलेज प्रबंधन की पहल पर राज्य के मानव संसाधन विकास विभाग ने ऑडिटोरियम के लिए 1.54 करोड़ रुपये आवंटित किया था। इसी राशि से ऑडिटोरियम को मॉडर्न रूप दिया जा रहा है। वैसे ऑडिटोरियम को जिस तरह भव्य रूप दिया जा रहा है, इस हिसाब से 1.54 करोड़ की राशि कम पड़ रही है। कॉलेज प्रबंधन थोड़ी और राशि के प्रबंधन में जुटा है। कालेज की कोशिश है कि दो माह के भीतर ऑडिटोरियम बन कर तैयार हो जाए।
लगेंगी 700 कुर्सियां
ऑडिटोरियम में कुल 700 कुर्सियां होंगी। इनमें 500 कुर्सियां नीचे और 200 बालकनी में होंगी। वर्तमान में राची विवि का सबसे बेहतर ऑडिटोरियम आर्यभट्ट है। इसकी क्षमता 500 लोगों के बैठने की है। राची कॉलेज के ऑडिटोरियम की क्षमता इससे भी 200 सीटें अधिक की होगी।
सिर्फ यहीं है बॉलकनी
सभागार को अत्याधुनिक बनाने के लिए के लिए आर्किटेक्ट ने इसका प्रारूप तैयार किया है। बालकनी का प्रावधान किया गया है। रांची विवि के अन्य किसी ऑडिटोरियम में बालकनी का प्रावधान नहीं है। सीटें दो लेयर में पहले की तरह रहेंगी। सारी कुर्सिया आरामदायक और अत्याधुनिक होंगी। स्टेज के दोनों ओर एक-एक रिफ्रेशर रूम होगा। स्टेज पर फोकस के लिए रंग-बिरंगी लाइटों का भी इंतजाम रहेगा।
लौट गया था पैसा
बंद पड़े ऑडिटोरियम को नया लुक देने के लिए वर्ष 2004 में भी मानव संसाधन विकास विभाग की ओर से रांची कॉलेज को पैसे मिले थे। उस समय डॉ.आनंद भूषण प्राचार्य थे। पैसे का उपयोग नहीं हो सका। करीब छह वर्ष बाद राशि लौट गई। उस समय डॉ.एएन ओझा कॉलेज के प्राचार्य थे।