मिडिल स्कूलों में सृजित होंगे 12 हजार शिक्षकों के नए पद
राज्य में सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राइमरी से मिडिल (उच्च प्राथमिक) में अपग्रेड किए गए स्कूलों में पहली बार शिक्षकों के पद सृजित होंगे।
नीरज अम्बष्ठ, रांची। राज्य में सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राइमरी से मिडिल (उच्च प्राथमिक) में अपग्रेड किए गए स्कूलों में पहली बार शिक्षकों के पद सृजित होंगे। ऐसे लगभग ग्यारह हजार स्कूलों में से लगभग चार हजार स्कूलों में तीन-तीन पद सृजित किए जाएंगे। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी जिलों से ऐसे स्कूलों में पद सृजन का प्रस्ताव मांगा है। इन स्कूलों में स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों (कक्षा छह से आठ) के पद सृजित होंगे। राज्य सरकार की तैयारी प्राथमिक शिक्षकों की होने वाली अगली नियुक्ति में इन पदों को भी शामिल करने की है। अन्य प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों लगभग नौ हजार पद पहले से रिक्त हैं। उत्क्रमित मिडिल स्कूलों में बारह हजार नए पद सृजित होने से 21 हजार पदों पर बहाली होगी।
दरअसल, सर्व शिक्षा अभियान के तहत दो तरह के स्कूल अपग्रेड किए गए थे। शुरू में अभियान के तहत खोले गए ईजीएस केंद्रों से अपग्रेड हुए नव प्राथमिक स्कूलों में पिछले वर्ष ही अन्य स्कूलों से इंटर प्रशिक्षित पदों को काटकर शिफ्ट किया गया था। इन पदों पर बहाली भी हुई।
दूसरी श्रेणी में प्राइमरी से मिडिल में अपग्रेड हुए स्कूल हैं, जिनमें स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों के पद सृजित नहीं हो सके थे। इनमें पहले से कार्यरत दो-दो सरकारी शिक्षकों के अलावा तीन-तीन पारा शिक्षक बहाल किए गए थे। इन पारा शिक्षकों में अधिकांश की नियुक्ति सरकारी शिक्षक के रूप में दूसरे स्कूलों में हो गई। इस तरह, इन स्कूलों में दो-तीन शिक्षक ही रह गए हैं। इन्हीं स्कूलों में नए पद सृजित होंगे। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने इन स्कूलों में पद सृजन का मामला लगातार उठाया था। इधर, संघ के महासचिव राममूर्ति ठाकुर ने सरकार के पद सृजन के प्रयास की सराहना करते हुए ऐसे सभी स्कूलों में पद सृजन की मांग की है।
100 विद्यार्थी होना अनिवार्य शर्त
राज्य सरकार ने फिलहाल उन स्कूलों में ही पद सृजन का निर्णय लिया है, जहां सौ से अधिक विद्यार्थी नामांकित हैं तथा जिनके 2-3 किमी की परिधि में कोई दूसरा मिडिल स्कूल नहीं है। विभाग ने ऐसे स्कूलों की ही अनुशंसा मांगी है। राज्य में ऐसे उत्क्रमित मिडिल स्कूलों की संख्या लगभग 11 हजार है। बताया जाता है कि उक्त दोनों मापदंड पूरा करने वाले स्कूलों की संख्या लगभग चार हजार होगी।
जिला समिति की अनुशंसा जरूरी
प्राथमिक शिक्षकों के पद जिला स्तरीय होने के कारण पदों के सृजन के लिए जिला प्रारंभिक शिक्षा समिति की अनुशंसा अनिवार्य है। सभी जिलों से इन समितियों से अनुशंसा कराकर ही प्रस्ताव देने को कहा गया है। ये समितियां उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित हैं, जिनमें डीईओ, डीएसई व अन्य अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल हैं। विभाग से निर्देश मिलने के बाद बोकारो ने 142 स्कूलों में 426 पदों के सृजन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज भी दिया है।
बताया जाता है कि रामगढ़, हजारीबाग व कुछ अन्य जिलों ने भी इसकी तैयारी कर ली है। सभी जिलों से प्रस्ताव मिलने के बाद पद सृजन पर अंतिम निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली प्रशासकीय पदवर्ग समिति द्वारा लिया जाएगा।