मेक इन झारखंड को झटका, आदित्यपुर स्पेशल इकोनॉमी जोन रद
मेक इन झारखंड का सपना देख रही राज्य सरकार को झटका लगा है। केंद्र सरकार ने झारखंड में स्थापित होने वाले एक मात्र स्पेशल इकोनॉमी जोन (सेज) को रद करने का फैसला किया है।
अमन कुमार, रांची। मेक इन झारखंड का सपना देख रही राज्य सरकार को झटका लगा है। केंद्र सरकार ने झारखंड में स्थापित होने वाले एक मात्र स्पेशल इकोनॉमी जोन (सेज) को रद करने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी उद्योग विभाग को दे दी गई है।
सेज की स्थापना जमशेदपुर के समीप आदित्यपुर में होनी थी। इसके लिए राज्य सरकार ने 90 एकड़ जमीन का आवंटन किया था। इसमें से ज्यादातर वन भूमि थी। इस वजह से केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यावरण स्वीकृति देने से मना कर दिया है। यह मामला पिछले कई सालों से लंबित था। जिस पर आखिरकार फैसला ले लिया गया।
राज्य सरकार ने झारखंड स्थापना के बाद व्यापक औद्योगिक माहौल तैयार करने का फैसला किया था। इस कड़ी में वित्तीय वर्ष 2001-2002 में सेज की स्थापना का फैसला लिया गया था। 2006 में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने झारखंड में सेज स्थापित करने पर सहमति प्रदान की थी। इसके विकास के लिए जुस्को और गैमेन को निजी भागीदार बनाया गया था। दोनों कंपनियों को सेज के लिए जरूरी आधारभूत संरचना तैयार करनी थी। लेकिन पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से काम शुरू नहीं हो नहीं हो सका था।
1000 करोड़ के निवेश की थी योजना
इसके माध्यम से जमशेदपुर के आसपास के क्षेत्र को ऑटोमोबाइल हब के रुप में विकसित करने का प्रस्ताव था। इस सेज में करीब 1000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना थी। ऑटोमोबाइल क्षेत्र की कई कंपनियां के प्रस्ताव आने शुरू भी हो गए थे। हाल में विश्व की प्रसिद्ध कंपनी बेलाज ने यहां प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया था।
क्या है सेज
स्पेशल इकॉनोमी जोन (सेज) वह क्षेत्र होता है जहां एक ही कैंपस के अंदर तमाम व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने की सुविधा होती है। उद्योग को बढ़ावा देने के लिएजमीन, पानी, बिजली सहित तमाम जरूरी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराया जाता हैं। टैक्स में पहले पांच साल के लिए छूट दी जाती है। उसके बाद मात्र आधा टैक्स लगता है। देश में पहले सेज की स्थापना 1965 में कांडला में हुई थी। यूपीए सरकार ने कई प्राइवेट और सरकारी सेज की स्थापना को मंजूरी दी थी।