दहेज हत्या व आत्महत्या के मामलों में सात साल की कैद
रांची : एजेसी रंजना अस्थाना की अदालत ने सोमवार को दहेज हत्या व दहेज के लिए प्रताड़ित करने पर आत्महत्य
रांची : एजेसी रंजना अस्थाना की अदालत ने सोमवार को दहेज हत्या व दहेज के लिए प्रताड़ित करने पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के दो अलग-अलग मामलों में फैसला सुनाया। अदालत ने दोनों मामले में दोनों महिलाओं के पति को सात-सात साल की कैद व पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
--------------------
मामले, जिनमें हुआ फैसला
केस एक : दहेज में बोलेरो के लिए कर दी थी पत्नी की हत्या
पिठोरिया में दहेज में बोलेरो के लिए पत्नी की हत्या के एक मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मृतका जोहरा खातून थी, जिसकी हत्या के मामले में उसके परिजनों ने 14 अगस्त 2014 को पिठोरिया थाने में कांड अंकित करवाया था। परिजनों ने बताया था कि पिठोरिया के अमानुल्लाह अंसारी से छह जुलाई 2008 को जोहरा खातून की शादी हुई थी। शादी के समय वर पक्ष को एक लाख रुपये दहेज में दिया गया था। इसके बावजूद वह दहेज की मांग को लेकर जोहरा को अक्सर प्रताड़ित व मारपीट करता था और अंतत: उसकी हत्या कर दी थी। न्यायालय में पति पर लगा आरोप सत्य साबित हुआ, जिसके बाद पति मोहम्मद अमानुल्लाह अंसारी को सात साल की कैद व पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
----------------
केस दो : रातू में प्रताड़ना से तंग आकर प्रीति ने कर ली थी खुदकुशी
रातू में 29 मई 2012 को प्रताड़ना से तंग आकर प्रीति देवी नामक महिला ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। प्रीति विजय कुमार की पत्नी थी। इस मामले में रातू थाने में प्रीति के मायके के लोगों ने ससुराल के लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें पति को दोषी पाया गया था। परिजनों ने बताया था कि छह जून 2010 को प्रीति की शादी विजय से हुई थी। शादी के समय दहेज में कार, मोटरसाइकिल के अलावा ढाई लाख रुपये भी ससुराल पक्ष को दिए गए थे। इसके बावजूद प्रीति से लगातार मारपीट की जाती थी। प्रताड़ना इतनी बढ़ गई थी कि प्रीति ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। न्यायालय में भी पति पर दोष साबित हो गया था, जिसके बाद पति विजय कुमार को अदालत ने सात साल की सजा के साथ-साथ पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।