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तीसरी बार झाविमो के निर्विरोध अध्यक्ष बने बाबूलाल

बाबूलाल मरांडी सोमवार को लगातार तीसरी बार झाविमो के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये। रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित झाविमो के महाधिवेशन में केंद्रीय चुनाव पदाधिकारी विनोद शर्मा ने यह घोषणा की।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 24 May 2016 03:45 AM (IST)Updated: Tue, 24 May 2016 04:32 AM (IST)
तीसरी बार झाविमो के निर्विरोध अध्यक्ष बने बाबूलाल

राज्य ब्यूरो, रांची। बाबूलाल मरांडी सोमवार को लगातार तीसरी बार झाविमो के निर्विरोध अध्यक्ष चुने गये। रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित झाविमो के महाधिवेशन में केंद्रीय चुनाव पदाधिकारी विनोद शर्मा ने यह घोषणा की। बाबूलाल ने इस बीच जनहित में सड़क से लेकर सदन तक आवाज बुलंद करने की पार्टी की नीति पर कायम रहने का संदेश कार्यकर्ताओं को दिया।

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उन्होंने स्थानीय नीति के विरोध में 11 और 12 जून को आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया तथा कार्यकर्ताओं को किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर बाबूलाल ने कहा कि 2019 भाजपा मुक्त देश और नए झारखंड के निर्माण का वर्ष होगा। उसी साल देश में लोकसभा और राज्य में विधानसभा का चुनाव होना है। कार्यकर्ता इस बात को ध्यान में रखकर अपनी तैयारी करें।

2014 के चुनाव के बाद झाविमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए छह विधायकों की टीस बाबूलाल ने महाधिवेशन में व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो वे झारखंड के मुख्यमंत्री और स्पीकर को तलब करें तथा भाजपा में शामिल झाविमो के विधायकों के मामले में फैसला देने का निर्देश दें।

रघुवर सरकार पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि वह जनहित में नहीं, बल्कि कारपोरेट हित में गुप्त एजेंडे पर काम कर रही है। विधि व्यवस्था और भ्रष्टाचार मुक्त शासन से उसका कोई लेना-देना नहीं है। पीएम स्वयं चुनाव के वक्त की गई घोषणाओं पर कुंडली मारे बैठे हैं।

महाधिवेशन में राजनीतिक प्रस्ताव पेश करेते हुए झाविमो के प्रधान महासचिव प्रदीप यादव ने कहा कि शुरू से ही झारखंड की मास्टर चाबी दिल्ली के हाथों बंधक रही है। बाबूलाल ने जब इस परिपाटी को बदलने की कोशिश की तो उन्हें सत्ता से हटना पड़ा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू होने के बावजूद सभी उपभोक्ताओं को राशन कार्ड तक नहीं मिल सका है। इसके विरोध में 29 मई को पूरे राज्य में उपवास कार्यक्रम चलेगा। रघुवर सरकार के 17 महीनों के कार्यकाल में 62 दंगे हुए। सभी का जुड़ाव कहीं न कहीं भाजपा के विविध संगठनों से रहा, परंतु उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।

प्रदेश जदयू अध्यक्ष जलेश्वर महतो ने कहा कि उनका दल जनहित में हर मोर्चे पर झाविमो के कदम से कदम मिलाकर चलेगा। झाविमो विधायक प्रकाश राम ने कहा कि 2014 के चुनाव के बाद छह विधायकों की तरह उन्हें भी मंत्रालय का लालच देकर तोडऩे की कोशिश हुई थी, परंतु भाजपाइयों की दाल नहीं गली। बंधु तिर्की ने हर स्तर पर स्थानीयता नीति का विरोध करने की बात दोहराई।

खालिद खलील ने रामनवमी के दौरान हजारीबाग और बोकारो में हुए दंगे का ठिकरा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, बोकारो के विधायक विरंची नारायण तथा हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल पर फोड़ा। अधिवेशन में रामचंद्र केशरी, संतोष कुमार, अरविंद सिंह, सुनील साहु, अभय सिंह, सरोज सिंह, बिरेंद्र भगत, अशोक वर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे।

एक-दूसरे की जमकर तारीफ

अधिवेशन के अंतिम सत्र के मुख्य अतिथि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबूलाल की जमकर तारीफ की। उन्होंने बाबूलाल के मुख्यमंत्रित्व काल की सराहना करते हुए कहा कि उनके पास झारखंड के विकास का स्पष्ट विजन है। तब झारखंड ही एक ऐसा राज्य था, जिसने दो-तिहाई राशि देकर भी रेल परियोजनाओं को झारखंड की धरती पर उतारने की पेशकश की थी।

बाबूलाल को भावी मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करते हुए नीतीश ने कहा कि उनके ही नेतृत्व में झारखंड नई ऊंचाइयां छू सकेगा। जदयू हर मोड़ पर उनके साथ है। उधर बाबूलाल ने कहा कि महाधिवेशन में नीतीश की मौजूदगी दर्शाती है कि झारखंड के विकास में जदयू झाविमो का सहभागी बनेगा।


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