Move to Jagran APP

गबन व वित्तीय अनियमितता मामले में तीन बर्खास्त

रांची : 20 लाख 27 हजार 339 रुपये के गबन, वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार मामले में नगर आयुक्त प्रशां

By Edited By: Published: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2016 01:00 AM (IST)
गबन व वित्तीय अनियमितता मामले में तीन बर्खास्त

रांची : 20 लाख 27 हजार 339 रुपये के गबन, वित्तीय अनियमितता और भ्रष्टाचार मामले में नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने गुरुवार को तत्कालीन मुख्य लेखा पदाधिकारी बसंत नारायण तिवारी, सहायक रोकड़पाल अमरेंद्र कुमार सिन्हा और कर संग्रहकर्ता परमहंस कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया। उन्होंने जांच प्रतिवेदन में बिहार एवं ओडिशा अवर सेवा (अनुशासन और अपील) नियमावली 1935 के नियम 2(8) के तहत इन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त किया है।

loksabha election banner

----------------

क्या है मामला

वर्ष 2015 में निगम के टैक्स कलेक्टर परमहंस कुमार ने सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार को पत्र लिखा था। पत्र में लिखा गया था कि कैशियर अमरेंद्र सिन्हा को 31 मार्च 2014 को उन्होंने टैक्स कलेक्शन के 11, 78, 515 रुपए दिए थे। लेकिन, उन्होंने वह पैसा ट्रेजरी में जमा नहीं कराया। उस राशि को रोकड़ पंजी में भी नहीं चढ़ाया गया। पत्र के आधार पर सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार ने दोनों से पूछताछ की, तो अमरेंद्र ने स्वीकार किया कि उसने कुमार से पैसे लिए हैं। अमरेंद्र ने बताया कि वह पैसा लेखा पदाधिकारी बसंत तिवारी को दे दिया था। बताया कि 30 लाख रुपये से अधिक की राशि लेखा पदाधिकारी को दी है। जब उन्होंने पैसा नहीं दिया, तो ट्रेजरी में पैसा जमा नहीं हुआ। इस कारण टैक्स कलेक्टर को रसीद भी नहीं दी। सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार ने इस घालमेल की जानकारी तत्कालीन सीईओ ओमप्रकाश साह को दी, तो पूरे मामले की गंभीरता से जाच कराने की अनुशसा की गई। सीईओ ने राजस्व पदाधिकारी व लेखा पदाधिकारी को जाच करने का निर्देश दिया था।

---------------

जांच रिपोर्ट के तथ्य

-तत्कालीन कर संग्रहकर्ता परमहंस कुमार सिंह ने 31.03.2014 को 11,78,515 रुपये कर संग्रह कर तत्कालीन सहायक रोकड़पाल अमरेंद्र कुमार सिन्हा को जमा किया, लेकिन प्राप्ति रसीद नहीं मिली।

-कर संग्रह की राशि 01.04.2014 से लेकर नवंबर 2014 तक की थी।

-31.03.2014 को 8,48,824 रुपये कर संग्रह हुआ, जिसे जिसे आठ माह 20 दिन बाद 10.12.2014 को निगम के बैंक खाता में जमा किया गया।

-रोकड़बही में 8,48,824 रुपये के बैंक जमा की दो रसीदें चिपकाई गई हैं, जिसमें से एक पर न तो तिथि अंकित है और न ही बैंक की मुहर। जबकि दूसरे रसीद पर (10.12.204 को) बैंक खाते में राशि जमा किए जाने का प्रमाण है।

-तत्कालीन कर संग्रहकर्ता परमहंस कुमार सिंह द्वारा सहायक रोकड़पाल अमरेंद्र कुमार सिन्हा को हस्तगत कराई गई 11,78,515 रुपये की प्राप्ति रोकड़बही में 31.03.2014 या उसके बाद की तिथि में न तो दर्ज है और न ही इस राशि को निगम के बैंक खाता में जमा कराने का प्रमाण है।

-रोकड़बही में 10.02.2014 के अनुसार कुल 13,05,260 रुपये प्राप्त हुए हैं। जबकि बैंक खाता में जमा राशि का प्रमाण मात्र 4,56,436 रुपये का चिपकाया गया है।

-रोकड़पाल ने रोकड़बही के पृष्ठ पर लिखा है, 10.12.2014 का कुल 8,48,824 रुपये मुख्य लेखा पदाधिकारी के मौखिक निर्देश पर प्राप्त कर जमा कराया गया है।

-------------

क्या है नियम

टैक्स कलेक्टर को कलेक्शन का सारा पैसा उसी दिन जमा करना अनिवार्य है। वह रजिस्टर में इंट्री कर पैसा निगम कैशियर के पास जमा करता है। राशि जमा लेने के बाद कैशियर टैक्स कलेक्टर को पैसा प्राप्ति का लिखित विवरण देकर कैशबुक में इंट्री करते हैं। इसके बाद कैशियर पैसा बैंक भेज देता है। बैंक में जमा पैसे की रसीद रोकड़ बही में चिपकाई जाती है। रोकड़ बही लेखा पदाधिकारी के पास भेजा जाता है। लेखा पदाधिकारी रोकड़ बही और बैंक में जमा किए गए रसीद का मिलान करने के बाद अपने रजिस्टर में उसकी इंट्री करते हैं।

---------------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.