प्रशासनिक अधिकारियों ने दी हड़ताल की धमकी
रांची : उप विकास आयुक्त (डीडीसी) के 18 पदों पर अन्य सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित करने से संबंधि
रांची : उप विकास आयुक्त (डीडीसी) के 18 पदों पर अन्य सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित करने से संबंधित सरकार के निर्णय का झारखंड सरकार प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) ने पुरजोर विरोध किया है। संघ ने डीडीसी के पद पर अपनी दावेदारी जताते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है। शनिवार को इस मुद्दे पर संघ की बैठक हुई, जिसमें लगभग 150 प्रशासनिक पदाधिकारियों ने शिरकत की। मौके पर संघ की बात अनसुनी किये जाने पर हड़ताल से लेकर सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा कार्मिक विभाग में एकमुश्त योगदान देने तक की धमकी दी गई।
बैठक की अध्यक्षता झासा के अध्यक्ष दानियल कंडुलना ने की। झासा का दावा है कि डीडीसी के 18 पद झारखंड प्रशासनिक सेवा के संयुक्तसचिव स्तर के पदाधिकारियों के लिए सृजित तथा चिह्नित है। राज्य सरकार ने बगैर झारखंड प्रशासनिक सेवा की स्थापित नियमावली में परिवर्तन किये सृजित 120 पदों को घटाकर 102 करने की कार्रवाई की है। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार सरकार डीडीसी के पद पर राज्य योजना सेवा के पदाधिकारियों को पदस्थापित करने का मन बना रही है। कार्मिक के प्रावधानों के तहत संबंधित सेवा के पदाधिकारी सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से उप समाहर्ता तक बनने की अर्हता नहीं रखते।
संघ ने सरकार के उस आदेश पर भी नाराजगी जताई है, जिसमें लघु दंड देने का अधिकार पैतृक विभाग से हटाकर पदस्थापन वाले विभाग को दिया गया है। संघ ने इसी कड़ी में प्रवर कोटि की रिक्तियों को प्रोन्नति के माध्यम से भरने, राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को वर्ष 2014, 2015 तथा 2016 की रिक्तियों के विरुद्ध भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नत करने की मांग की है।