देवघर में खुलेगा संस्कृत विश्वविद्यालय
रांची : केंद्र सरकार ने देवघर में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर
रांची : केंद्र सरकार ने देवघर में संस्कृत विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान कर दी है। इस मसले पर शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने नई दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि देवघर का भारतीय संस्कृति और धर्म में विशेष स्थान है और यहां पुरातन संस्कृति के अध्ययन और संवर्द्धन के लिए एक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने की जरूरत है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने उन्हें इसका आश्वासन दिया है। इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य में लंबे समय से संस्कृत विश्वंविद्यालय खोलने की मांग की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा इस पर सहमति व्यक्त करने से यह मांग पूरी हो गई है। इस बीच सांसद निशिकांत दुबे ने केंद्र और राज्य के बीच बनी सहमति के लिए आभार जताया।
नये आइआइटी की मांग
रघुवर दास के मुताबिक राज्य में बड़ी औद्योगिक इकाइयों की मौजूदगी को देखते हुए बड़े पैमाने पर इंजीनियरों की जरूरत है। इसके लिए राज्य में अलग से आइआइटी खोला जाना चाहिए। गौरतलब है कि केंद्र सरकार पहले ही धनबाद स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ माइंस को आइआइटी का दर्जा देने की घोषणा कर चुकी है। जिसमें इस वर्ष से आइआइटी की बढ़ाई की स्वीकृति स्मृति ईरानी ने दे दी है। लेकिन दास का कहना था कि इसके अलावा राज्य में अलग से आइआइटी खोला जाना चाहिए।
नक्सल इलाकों के लिए आवासीय विद्यालय की मांग
नक्सल प्रभावित इलाकों में बच्चों तक आधुनिक शिक्षा पहुंचाने और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने विशेष आवासीय विद्यालय खोलने की मांग की। उनका कहना था कि आठवीं कक्षा तक खुलने वाले इन विद्यालयों में कम-से-कम 1000 छात्रों की क्षमता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए पहल कर रही है, लेकिन केंद्रीय सहयोग के बिना इसे पूरा नहीं किया जा सकता है।