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मंत्री तक पहुंच रहे सीओ-थाने स्तर के मामले

रांची : जो मामले अंचलाधिकारी या संबंधित थाने में ही निपटाए जा सकते हैं वे मंत्रियों के जनता दरबार म

By Edited By: Published: Thu, 26 Nov 2015 01:46 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2015 01:46 AM (IST)
मंत्री तक पहुंच रहे सीओ-थाने स्तर के मामले

रांची : जो मामले अंचलाधिकारी या संबंधित थाने में ही निपटाए जा सकते हैं वे मंत्रियों के जनता दरबार में पहुंच रहे हैं। बुधवार को भी सीएमओ में पेयजल एवं जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी तथा राज पालिवार के जनता दरबार में आए अधिकांश मामले या तो जमीन या फिर पारिवारिक विवाद के थे। जबकि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जमीन संबंधित मामले के निष्पादन के लिए सभी उपायुक्तों को जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया है।

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मंत्रियों ने भी स्वीकार किया कि ऐसे मामले निचले स्तर पर ही निपटाए जाने चाहिए। उनके विभाग से संबंधित मामले नहीं आने पर दोनों ने जनता दरबार के व्यापक प्रचार-प्रसार तथा सभी जिलों में भी इसे लगाने पर जोर दिया। मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि एक ही मामले कई बार आ रहे हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने पारिवारिक विवाद से संबंधित मामले परिवार में ही सलटाने का सुझाव भी दिया। बहरहाल, कार्तिक पूर्णिमा तथा पंचायत चुनाव के कारण जनता दरबार में 35 मामले ही आए। मंत्रियों ने मौके पर ही संबंधित डीसी, एसपी या अन्य संबंधित पदाधिकारियों को फोन कर मामले में नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया।

वृद्धापेंशन दिलाने के नाम पर लिखवा ली जमीन

रामगढ़ के शंभू मिस्त्री ने वृद्धा सहोदरी देवी से उसे वृद्धापेंशन दिलाने के नाम पर अंगूठा लगवाकर उसकी छह डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री कराकर दूसरे को बेच दी। अपनी पोती सोनी कुमारी के साथ मंत्री के समक्ष गुहार लगाने पहुंची वृद्धा मौके पर ही फूट-फूट कर रोने लगी। मंत्री राज पालिवार ने रामगढ़ डीसी को फोन कर इसकी जांच का निर्देश दिया।

अस्पतालों में फीजियोथेरेपिस्ट का पद हो सृजित

राज्य के मेडिकल कालेजों में संचालित पारा मेडिकल संस्थानों से उत्तीर्ण कई छात्रों ने मंत्रियों के समक्ष सरकारी अस्पतालों में फीजियोथेरेपिस्ट के पदसृजन की मांग की। इनका कहना था कि अस्पतालों में फीजियोथेरेपिस्ट नहीं होने से मरीज इलाज से वंचित हो रहे हैं, वहीं राज्य में इसकी पढ़ाई कर चुके छात्र बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।

अभियंताओं ने लगाई सेवा बहाल रखने की गुहार

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में संविदा पर बहाल होने के बाद हटाए गए लोक स्वास्थ्य अभियंताओं ने सेवा बहाल रखने की गुहार लगाई। इन अभियंताओं को आठ माह पहले पद से हटा दिया गया था। इनका कहना था कि जिलों द्वारा सेवा बहाल रखने की अनुशंसा के बाद भी विभागीय सचिव व अभियंता प्रमुख मनमाना रवैया अपना रहे हैं। मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने मामले को अपने स्तर से देखने का आश्वासन दिया।

जनता दरबार में आए ये भी मामले

- एक वृद्ध ने अपने बेटे के विरुद्ध शिकायत की कि वह शराब पीकर उसके साथ मारपीट करता है। यहां तक कि उसे रिवाल्वर सटाकर मार देने की धमकी देता है।

- खलारी के विकास कुमार के पिता हरक साव की हत्या उग्रवादियों ने कर दी थी। पांच साल से गृह विभाग में चक्कर लगाने के बाद भी प्रावधान के अनुसार नौकरी नहीं मिली। उसके अनुसार विभाग कागज के नाम पर उसे दौड़ाए जा रहा है।

- सुखदेवनगर, रांची के राजेश विश्वकर्मा अपने बड़े भाई लखन विश्वकर्मा के विरुद्ध भाइयों के हिस्से की भी जमीन हड़पने की शिकायत लेकर आए थे। साथ में मां कल्याणी देवी भी थीं।

-मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बहाल बहुद्देश्यीय कार्यकर्ताओं की शिकायत नियमावली गठित होने के बाद भी समायोजन नहीं करने की थी।

-पलामू में एक अपहरण मामले में पुलिस ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत रामगढ़ में कार्यरत लेखापाल प्रकाश कुमार को जेल भेज दिया था। उसका कहना है कि पुलिस ने उसे गलत ढंग से फंसाया। जमानत मिलने के बाद अपने पद पर योगदान देने के आठ माह बाद उसे पद से यह कहते हुए हटा दिया गया कि उसने जेल जाने की सूचना डीएसई कार्यालय को नहीं दी।


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