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सरकारी जमीन घेरी तो एक साल की जेल

रांची : राज्य में सरकारी जमीन का अतिक्रमण करने वालों की अब खैर नहीं। सरकार ने मंगलवार को मंत्रिपरिषद

By Edited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 01:36 AM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 01:36 AM (IST)
सरकारी जमीन घेरी तो एक साल की जेल

रांची : राज्य में सरकारी जमीन का अतिक्रमण करने वालों की अब खैर नहीं। सरकार ने मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में इस बाबत बने नियम की धारा-छह की उपधारा-पांच में बदलाव को मंजूरी दी है। इसके मुताबिक अब सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने पर दंड और जुर्माना दोनों भुगतना पड़ सकता है। इसके तहत अधिकतम एक साल का कारावास और अधिकतम 25 हजार रुपये आर्थिक दंड या दोनों का प्रावधान है। राज्य में सरकारी जमीन के अतिक्रमण की तेजी से बढ़ रहे मामले को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से नियम में बदलाव किया गया है। इसके मुताबिक जिला समाहर्ता (उपायुक्त) के आदेश का अनुपालन करना होगा। ऐसा नहीं करने वाले दंड के भागी होंगे।

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मंत्रिमंडल सचिवालय एवं समन्वय विभाग के अपर मुख्य सचिव एनएन पांडेय ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि अबतक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण को लेकर कारावास या दंड का प्रावधान नहीं था। संबंधित व्यक्ति को प्रशासन नोटिस देकर तलब करता था। जिला दंडाधिकारी के स्तर से इसपर कार्रवाई होती थी। इसके बाद जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्रवाई प्रशासन करता था।

दखल की गई जमीन का ब्यौरा नहीं

इस नियम को धरातल पर उतारने में सरकार को कड़ी मशक्कत करनी होगी। महत्वपूर्ण शहरों के साथ-साथ तमाम जिलों में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा वर्षो से है। दखल करने वालों ने गैर मजरूआ जमीन की फर्जी बंदोबस्ती तक कराई है। ऐसे में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग को तमाम अतिक्रमित जमीन का ब्यौरा जुटाना होगा। इसके बाद ही संबंधित व्यक्ति को नए प्रावधान के दायरे में लिया जा सकेगा।

प्रखंड के लिए सवा लाख की आबादी जरूरी

राजनेताओं द्वारा नए प्रखंडों के गठन की लगातार मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने इसके सृजन के मापदंड निर्धारित किए हैं। इसके मुताबिक नए प्रखंड की आबादी कम से कम सवा लाख होनी चाहिए। एक प्रखंड के दायरे में न्यूनतम 18 पंचायत होना आवश्यक है। प्रस्तावित प्रखंड के साथ-साथ अन्य संलग्न कार्यालयों की उपलब्धता भी जरूरी होगी। यह भी निश्चित करना होगा कि प्रखंड की पंचायतों से अधिकतम दूरी 25 किलोमीटर हो। इसका सृजन करते वक्त यह ख्याल रखा जाए कि वह सारे पंचायतों के मध्य में हो। इसके अलावा प्रखंड और पंचायत के बीच नदी, घना जंगल और पहाड़ नहीं होना चाहिए। अगर इन भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक सड़क, रेलमार्ग या पुल उपलब्ध है तो वह अवरोधक नहीं माना जाएगा। नए प्रखंड के लिए ग्राम पंचायत से लेकर जिला परिषद तक की अनुशंसा जरूरी होगी। इसके बाद प्रस्ताव उपायुक्त, प्रमंडलीय आयुक्त से अनुशंसित होकर ग्रामीण विकास विभाग तक जाएगा।

नगरपालिका वार्ड क्षेत्र का भी निर्धारण

राज्य मंत्रिपरिषद ने नगरपालिका वार्ड क्षेत्र निर्धारण और क्षेत्र सभा प्रतिनिधि का चयन नियमावली को भी मंजूरी दे दी। इसके तहत एक से दो लाख की आबादी वाले शहरी निकाय में प्रत्येक वार्ड क्षेत्र में दो मतदान केंद्र, दो से पांच लाख वाले शहरी निकाय में हरेक वार्ड क्षेत्र में तीन मतदान केंद्र और इससे ऊपर के शहरी निकायों में हरेक वार्ड क्षेत्र में चार मतदान केंद्र होंगे।

हर जिले में आदर्श महिला महाविद्यालय

राज्य सरकार ने सभी जिलों में आदर्श महिला महाविद्यालयों का निर्माण करने की स्वीकृति दी है। स्थायी व्यवस्था होने तक यह जिलों में संबद्ध और अंगीभूत कालेजों में संचालित होगा। अभी 24 में से 13 जिलों में अंगीभूत या संबद्ध महिला महाविद्यालय है। बाकी बचे11 जिलों सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, कोडरमा, चतरा, रामगढ़, पाकुड़, साहिबगंज, सरायकेला-खरसावां और लातेहार में आदर्श महिला महाविद्यालय के लिए संस्थान चिन्हित किए गए हैं। स्थायी व्यवस्था होने तक पठन पाठन इन्हीं संस्थानों में होगा।

विभिन्न जिलों में सड़क निर्माण के लिए करोड़ों की राशि मंजूर

राज्य सरकार ने देवघर के मोहनपुर-लहरजोरी पथ के लिए 38 करोड़, करमटोला-साहिबगंज-बालोपोखर पथ के लिए 70 करोड़, खूंटी के चुकरू-रामटा-सोंदासोन पथ के लिए 61 करोड़, जमशेदपुर के जादूगोड़ा-सुंदरनगर पथ के लिए 34 करोड़, मनोहरपुर के चक्रधरपुर-टोकलो-कुचाय पथ के लिए 40 करोड़, देवघर के बांसगंगा-पथलगड़ा पथ के लिए 33 करोड़ और साहिबगंज-राजगांव पथ के लिए 60 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की है।

अन्य महत्वपूर्ण फैसले

-निदेशक, भूमि संरक्षण की नियमित नियुक्त के लिए नियमावली। चयन करेगा जेपीएससी। साक्षात्कार के जरिए बहाली। भारत सरकार, राज्य सरकार या केंद्रीय उपक्रम के अधिकारी इसके योग्य। शैक्षणिक योग्यता विज्ञान स्नातक (कृषि) और एग्रीकल्चर इंजीनिय¨रग में डिग्री। उम्र 45 से 55 साल और तीन साल का कार्य अनुभव।

-कोडरमा के चंदवारा-जयनगर में 19.53 एकड़ जमीन डीवीसी को कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के लिए 30 साल के पंट्टे पर।

-भारतीय खनन संस्थान (आइएसएम), धनबाद के लिए जमीन अधिग्रहण मद में 30 करोड़ रुपये का आवंटन और स्वीकृति।

-विश्व बैंक संपोषित पालिटेक्निक संस्थान में संविदा के आधार पर कार्यरत शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को एक साल का अवधि विस्तार।

-निवेशकों के सहयोग के लिए बने झारखंड इंडस्ट्रीज फेसिलिटेशन एंड सिंगल विंडो क्लीयरेंस अध्यादेश-2015 की घटनोत्तर मंजूरी।

-वाणिज्य-कर विभाग के कर समाधान योजना का अवधि विस्तार। आवेदन की तिथि 31 दिसंबर और भुगतान 28 फरवरी 2016 तक।


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