पांच सड़कों की जांच में हांफा 71 लाख का रफोमीटर
प्रदीप सिंह, रांची : सरकारी विभागों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए कीमती उपकरणों की खरीद अक
प्रदीप सिंह, रांची : सरकारी विभागों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने के लिए कीमती उपकरणों की खरीद अक्सर की जाती है। आपाधापी में ऐसे उपकरण विदेशों से मंगवाए जाते हैं लेकिन अव्वल तो इनका इस्तेमाल नहीं होता। उपकरणों की देखरेख भी सही तरीके से नहीं की जाती। परिणाम होता है कि जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा पानी में बह जाता है और कीमती उपकरण विभागों के सरकारी भंडार में पड़े-पड़े कचरा में तब्दील हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही हाल हुआ है कि सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता को मांपने के लिए विदेश से मंगाए गए यंत्र रफोमीटर का।
2006 में अधीक्षण अभियंता, यांत्रिक अंचल, रांची ने दो सेट गुणवत्तायुक्त नियंत्रक और मापक यंत्र खरीदने के लिए आवेदन किया। सरकार की ओर से 73.03 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति इस मद में की गई। अधीक्षण अभियंता को राशि का आवंटन हुआ। इससे यंत्र और उससे जुड़ी सामग्री को 71.17 लाख रुपये में खरीदा गया।
चार साल नहीं हुआ इस्तेमाल : आश्चर्यजनक तरीके से सितंबर 2006 में उपकरणों की खरीद के बाद इसका इस्तेमाल चार साल से ज्यादा समय तक किया ही नहीं गया। मई 2011 में पथ निर्माण विभाग के अभियंता प्रमुख अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिया कि खरीदे गए उपकरण रफोमीटर से पथ प्रमंडल, रांची के 10 पथों के खुरदरापन की जांच की जाए। इस कीमती उपकरण से यह काम संभव नहीं हो पाया। पांच सड़कों की जांच में उपकरण खराब हो गए। आपूर्तिकर्ता को बार-बार आग्रह के बावजूद क्षतिग्रस्त उपकरण की मरम्मत नहीं कराई गई। सारी गड़बड़ी आडिट के दौरान पकड़ी गई।
कौन-कौन से उपकरण-सामग्री मंगाए गए
रफोमीटर के लिए विदेश से सामान का आयात किया गया। एआरआरबी रफोमीटर (आस्ट्रेलिया), ट्रांसटेक पेभमेंट क्वालिटी इंडिकेटर (यूएसए), कामेकुरा कंक्रीट टेस्ट हैमर (जापान), एएनडी इंफ्रारेड थर्मामीटर, टीएआइएसइआइ गुण नियंत्रक किट, नन कंटैक्ट मिनी इंफ्रारेड थर्मामीटर, स्कार्पिओ एसटीडी वाहन और सभी सामानों के साथ एचपी मेक लैपटॉप मंगाया गया।
क्या है रफोमीटर : रफोमीटर सड़क की गुणवत्ता के स्तर को नापने वाला सबसे उत्तम यंत्र है। इसके जरिए सड़क निर्माण की छोटी से छोटी त्रुटि को भी पकड़ा जा सकता है। इस यंत्र के रैक को वर्टिकल पोजिशन पर रखा जाता है। उसे किसी भी गाड़ी के आगे की एक्सेल (गाड़ी को झटके से बचाने वाला उपकरण) से जोड़ा जाता है। गाड़ी से जुड़ने के बाद यंत्र सड़क से जुड़ी हर खामी को चिन्हित करता है।