आतंकियों के निशाने पर है झारखंड
रांची : एक के बाद एक सामने आ रही घटना से साफ है कि झारखंड आतंकियों के निशाने पर है। कुछ दिनों पहले न
रांची : एक के बाद एक सामने आ रही घटना से साफ है कि झारखंड आतंकियों के निशाने पर है। कुछ दिनों पहले नामकुम में बस से बरामद विस्फोटक, लौहनगरी जमशेदपुर के पॉश इलाके में हुआ विस्फोट और अब किता रेलवे स्टेशन से बर्द्धमान-हटिया पैसेंजर ट्रेन से विस्फोटकों की बरामदगी आतंकियों के नापाक इरादे की ओर इशारा करते हैं।
बिहार का चर्चित बोधगया मंदिर और पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की गूंज अभी भी लोगों के जेहन में है। दोनों ही ब्लास्ट के तार सीधे रांची से जुड़े था। यहां का धुर्वा स्थित सिठियो मुहल्ला काफी चर्चे में रहा था। यहीं के रहनेवाले इम्तियाज सहित तीन आतंकियों को बोधगया और पटना ब्लास्ट के मामले में पकड़ा गया था। मास्टरमाइंड हैदर को कांटा टोली से पकड़ा गया था। सभी का कनेक्शन आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन से होने की बात सामने आयी थी। इससे पूर्व 2008 में अहमदाबाद में हुए बम ब्लास्ट के मामले में रांची के दो शातिर पकड़े गए थे। इससे पूर्व कोलकाता में हुए अमेरिकन एम्बेंसी पर हुए हमले में भी झारखंड का तार जुड़ा था।
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फिर चर्चा में ¨हदपीढ़ी इलाका
रांची : पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट के बाद ¨हदपीढ़ी थाना क्षेत्र के इरम लॉज से तबाही का सामान बड़ी मात्रा में बरामद किया गया था। अब इसी थाना क्षेत्र के मुजाहिदनगर स्थित डॉ. इंतजार अली का विस्फोटकों के साथ पकड़ा गया है। देर रात तक पुलिस की टीम इंतजार के घर की तलाशी लेती रही। वहां मिले सुबूतों की गहन पड़ताल की जा रही है। छापेमारी के दौरान मुहल्ले के लोग उत्सुकता वश पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए थे।
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त न मंजिला है अली का घर :
मुजाहिदनगर में इंतजार अली का तीन मंजिला घर है। एक मंजिल पर वह खुद रहता है। तीन बेड रूम का कमरा पूरी तरह से फर्नीश्ड है। जबकि ऊपर के दो कमरे को उसने भाड़े पर लगाया है। इसमें जहानाबाद के एक हकीम रहते हैं। अली के परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटी और एक बेटा है।
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प थोलॉजी चलाता है साला :
¨हदपीढ़ी स्थित मस्जिद से कुछ दूरी पर एक पैथोलैब भी है। यह अली का साला सरताज चलाता है।
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चार दिनों से सुबह जाता था और शाम में आता था :
जांच में यह बात सामने आयी है कि अली पिछले चार दिनों से अपने घर से सुबह में जाता था और शाम में घर आता था। इसके घर से रेलवे का एक टिकट भी मिला है, जिससे पता चलता है कि वह 18 अगस्त को झालदा से रांची आया था।
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डिग्री संदेहास्पद :
अल के घर से पुलिस ने एक मेडिकल डिग्री बरामद की है। वह इंडियन काउंसिल आफ अलटरनेटिव मेडिसीन का है। जो पश्चिम बंगाल से 2001 में जारी है। जबकि अली ने अपनी क्लीनिक पर जो बोर्ड लगाया है उसमें उसने एमबीबीएस लिखा है।
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आ वरडोज से मर गया था मरीज :
अल ने हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के मोती मस्जिद के समीप स्थित अपने क्लीनिक में इलाज के दौरान बुजुर्ग मरीज को दवा का ओवरडोज दे दिया था। जिससे उनकी मौत हो गई थी। लेकिन मामले को अली ने किसी तरह सलटा लिया था।
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मिडिल मैन की भूमिका :
जांच में जुटे अधिकारियों ने बताया कि अली की भूमिका अभी तक मामले में मिडिल मैन की प्रतीत होती है। अब उससे यह पूछताछ की जा रही है कि वह किन लोगों और किस संगठन के लिए काम कर रहा था।
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