ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के लिए हुआ करार
रांची : झारखंड का पहला मोटर ड्राइविंग इंस्टीट्यूट (इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च) जमश
रांची : झारखंड का पहला मोटर ड्राइविंग इंस्टीट्यूट (इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च) जमशेदपुर के गालूडीह प्रखंड स्थित काशीडीह में स्थापित होगा। केंद्र सरकार के सहयोग से यह संस्थान राज्य सरकार व टाटा मोटर्स के ज्वाइंट वेंचर में संचालित होगा। सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री रघुवर दास की उपस्थिति में इस संबंध में राज्य सरकार व टाटा मोटर्स के बीच एमओयू हुआ। राज्य सरकार की ओर से परिवहन सचिव रतन कुमार तथा टाटा मोटर्स की ओर से वाइस प्रेसिडेंट सह ग्लोबल हेड (कस्टमर केयर), सीवीबीयू संजीव गर्ग ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना से राज्य केबेरोजगार युवाओं का कौशल एवं क्षमता विकास होगा, जबकि प्रशिक्षित वाहन चालक भी उपलब्ध हो सकेंगे। उन्होंने प्रशिक्षण में महिलाओं को विशेष स्थान देने तथा ड्राइविंग के प्रशिक्षण के साथ-साथ वाहनों के रख रखाव के संबंध में भी प्रशिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने अप्रशिक्षित चालकों एवं खलासी के लिए भी अल्प अवधि के लिए रिफ्रेशर कोर्स की व्यवस्था करने का निर्देश देते हुए कहा कि भविष्य में राज्य सरकार इस प्रशिक्षण को अनिवार्य करेगी।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रत्येक राज्य में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत इस तरह के संस्थान की स्थापना करना है। संजीव गर्ग ने कहा कि इस तरह के चौदह संस्थान पूरे देश में खोले जाने हैं, जिनमें पांच सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने अजमेर स्थित अपने संस्थान में झारखंड सरकार द्वारा इस वर्ष एससी-एसटी व बीपीएल के 79 अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी भी दी। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजीव गौबा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, सचिव सुनील वर्णवाल, श्रम सचिव मृदुला सिन्हा, टाटा मोटर्स-जमशेदपुर के हेड एबी लाल तथा नेशनल हेड (गवर्नमेंट अफेयर) सुशांत नायक आदि उपस्थित थे।
एमओयू की खास बातें
- इस संस्थान की स्थापना हेतु आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा 17 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।
- राज्य सरकार इसके लिए 12 एकड़ नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कराएगी।
-टाटा मोटर्स द्वारा चालकों के प्रशिक्षण हेतु पाठ्यक्रम का निर्माण तथा प्रशिक्षण के लिए वाहन तथा अन्य उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
- इस संस्थान का निर्माण डेढ़ वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है।
- यहां एक वर्ष में 3000 से अधिक युवाओं को हल्का व भारी मोटर वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा तथा 15 हजार चालकों को प्रतिवर्ष रिफ्रेशर कोर्स कराया जाएगा।
- इसमें इनोवेटिव ड्राइविंग टेस्टिंग सिस्टम की स्थापना होगी जहा कैमरा बेस्ड ड्राइविंग स्किल असेसमेंट किए जाएंगे, जिसके द्वारा सही रूप से प्रशिक्षित चालकों को ही चालक का लाइसेंस मिलेगा।
- संस्थान के संचालन के लिए सोसायटी बनाकर इसका निबंधन कराया जाएगा। इसकी गवर्निग कौंसिल में राज्य सरकार व टाटा मोटर्स के पांच-पांच प्रतिनिधि होंगे। परिवहन सचिव इसके पदेन अध्यक्ष होंगे।