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इच्छा के विरुद्घ हुई थी महेंद्र से शादी

रांची : हत्यारोपी महेंद्र महतो की शादी शीला देवी से जबरन की गई थी। यह कहना है शीला के भाई कालीचरण मह

By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 01:04 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 01:04 AM (IST)
इच्छा के विरुद्घ हुई थी महेंद्र से शादी

रांची : हत्यारोपी महेंद्र महतो की शादी शीला देवी से जबरन की गई थी। यह कहना है शीला के भाई कालीचरण महतो का। उन्होंने बताया कि शीला की शादी महेंद्र के बड़े भाई शिव प्रसाद महतो से की गई थी। शिवप्रसाद महतो इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आइटीबीपी) में कार्यरत थे। शादी के छह माह बाद ही उनकी मौत हो गई थी। तब महेंद्र के माता-पिता ने शीला से महेंद्र की शादी करने का दबाव बनाया।

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महेंद्र किसी और लड़की को चाहता था, इसलिए वह अपनी भाभी से शादी के लिए तैयार नहीं था। तब माता-पिता ने उस पर दबाव बनाया कि अगर वह शीला से शादी नहीं करेगा तो वे लोग घर छोड़कर चले जाएंगे। इस दबाव में महेंद्र ने दस साल पहले शीला देवी से अपनी इच्छा के विरुद्ध शादी की थी।

शीला का मायके भी मेसरा ओपी क्षेत्र में ही मेसरा पंचायत के पंचौली में है। भाई ने बताया कि महेंद्र ने शादी तो कर ली, लेकिन शादी के बाद से ही अक्सर वह शीला के साथ मारपीट किया करता था। उनके दो बेटे हैं। एक 13 साल का सत्यम व दूसरा नौ साल का सिद्धार्थ।

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रात में ही की गई है शीला देवी की हत्या

कालीचरण के अनुसार महेंद्र विकास विद्यालय के पास घर बनवा रहा है, जहां शुक्रवार को सुबह उसने अपनी मां व पिता को भेज दिया था। घर में दोनों बेटे, वह तथा शीला देवी थीं। वह शीला देवी के साथ अपने नए घर को देखने गया था, जहां से लौटने के क्रम में हाईवे पर ही उसने शीला को बाइक से धकेल दिया, गनीमत थी कि सामने से आ रही गाड़ी ने ब्रेक लगा दी। यह बात होम्बई स्थित घर पहुंचने के बाद शीला देवी ने अपनी बहन को बताई। बहन ने बताया भी कि पुलिस में शिकायत कर दो, तब शीला देवी ने कहा कि एक-दो दिन में चला जाएगा, क्या शिकायत करनी है। इसके बाद बात खत्म हो गई थी। शुक्रवार को ही दिन के करीब पौने तीन बजे शीला देवी महेंद्र के साथ रांची रेलवे स्टेशन भी गई। उसे ट्रेन में बैठाकर घर लौट गई। रात करीब आठ बजे शीला का मायके के लोगों से बात भी हुई। शीला के बेटों ने बताया कि पापा रात के नौ बजे फोन किए थे और मां से बात करवाने के लिए भी बोले थे। मां ने उनसे बात भी की। इसके बाद कुछ पता नहीं।

बेटे एक कमरे में थे और मां दूसरे में। आशंका है कि महेंद्र ड्यूटी पर न जाकर घर लौटा और शीला देवी को बक्से में डालकर हत्या की, क्योंकि कमरे में खून नहीं दिखा। जो भी खून था, बक्से में ही चारो तरफ पसरा हुआ था। बक्से के ऊपर कपड़े सलीके से रखे गए थे।

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सुबह खोजबीन के बाद हुआ खुलासा

सुबह मां को नहीं देखकर बच्चों ने इसकी सूचना अपने मामा के घर में दी। इसके बाद मायके के लोग भी पहुंच गए और शुरू हुई शीला की खोजबीन। शीला की बहन ने बाक्स को देखा, जिसमें एक तरफ ताला लगा था, जबकि दूसरी ओर ताला नहीं था। दूसरी ओर से जब बहन ने बक्से को उठाया तो पहले बाल दिखा। इसके बाद ताला तोड़ा गया और शव की जानकारी मिली।

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कर्ज के बावजूद करवाया दस लाख का बीमा

महेंद्र महतो घर बनवा रहा है और अभी आर्थिक संकट झेल रहा है। आर्थिक संकट के बावजूद उसने दो दिन पूर्व ही शीला के नाम से 10 लाख का बीमा करवा दिया। उसका भी नॉमिनी वह स्वयं है। पहले से ही शीला देवी का 40 लाख का बीमा था, जिसका नॉमिनी वह स्वयं था। अब शीला देवी के नाम से 50 लाख का बीमा हो गया है। मायके वालों को शक है कि बीमा के रुपये को लेकर ही महेंद्र ने शीला को रास्ते से हटा दिया होगा।

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पति से नहीं हो रहा है संपर्क

बीआइटी ओपी पुलिस शीला के पति महेंद्र से संपर्क करने का प्रयास कर रही है, लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा है। उसके मोबाइल पर मैसेज भी भेजा गया है। अब पति के आने के बाद ही इस हत्या से पर्दा हटेगा।

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