शुरू होने से पहले ही बंद हो गई स्कॉलरशिप योजना
नीरज अम्बष्ठ, रांची : छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई में आर्थिक सहयोग कर उनका
नीरज अम्बष्ठ, रांची : छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को पढ़ाई में आर्थिक सहयोग कर उनका ड्राप आउट रोकने के लिए घोषित 'मुख्यमंत्री एकीकृत छात्रवृत्ति योजना' शुरू होने से पहले ही बंद हो गई। राज्य सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना में इसे शामिल किया था, लेकिन पिछले तीन वर्षो में यह योजना शुरू ही नहीं हो सकी। अब मानव संसाधन विकास विभाग ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
इस योजना के तहत प्रत्येक सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे पांचवीं कक्षा के बच्चों से तीन लड़कों तथा तीन लड़कियों का चयन किया जाना था। छठी कक्षा में जाने पर प्रतिमाह 100 रुपये, सातवीं कक्षा में 150 रुपये तथा आठवीं कक्षा में 800 रुपये छात्रवृत्ति के रूप में देने का प्रावधान किया गया था। इस योजना का उद्देश्य बच्चों को आगे की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना, उनका ड्राप आउट रोकना तथा प्राथमिक शिक्षा की अनिवार्यता सुनिश्चित करना था।
वित्त विभाग ने स्वीकृति देने से किया इन्कार
पहले राज्य योजना प्राधिकृत समिति से ही इस योजना की स्वीकृति मिलने में काफी देर हुई। इसके बाद वित्त विभाग ने यह कहते हुए कि कल्याण विभाग भी छात्रवृत्ति योजना चलाता है, इसपर स्वीकृति देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद विभाग ने इसपर कोई पहल ही नहीं किया। इससे पहले, संबंधित फाइल कई बार विभिन्न विभागों के बीच इधर से उधर होती रही।
2.40 लाख बच्चों को मिलता लाभ
इस योजना के शुरू होने से 2.40 लाख बच्चों को लाभ मिलता। इसपर एक वित्तीय वर्ष में 20 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए बजट में 8.6 करोड़ रुपये अनुसूचित जनजाति उप योजना, 3.4 करोड़ रुपये अनुसूचित जाति उप योजना तथा शेष 8 करोड़ रुपये अन्य उप योजना में प्रत्येक वर्ष रखे गए, जो वर्ष के अंत में सरेंडर होते रहे।
बालिकाओं के लिए ड्रेस व सोलर लैंप का भी यही हाल
बारहवीं पंचवर्षीय योजना में कक्षा आठ की बालिकाओं को ड्रेस व सोलर लैंप देने की भी योजना ली गई थी। बाद में निर्णय लिया गया कि सोलर लैंप का वितरण ऊर्जा विभाग द्वारा किया जाएगा। लेकिन तीन सालों में बालिकाओं को न तो ड्रेस मिले और न ही सोलर लैंप।
शुरू होगी मुख्यमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना
राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री एकीकृत छात्रवृत्ति योजना के बजाए अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति की बालिकाओं के लिए 'मुख्यमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना' शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत कक्षा पांच उत्तीर्ण इस कोटि की सभी बालिकाओं के नाम दो-दो हजार रुपये फिक्स डिपाजिट किए जाएंगे। इस वर्ष 75,000 एसटी व 45,000 एससी बालिकाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा, जिसके लिए 24 करोड़ प्रावधान किए गए हैं।