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देश भर की जल संरचनाओं का हो सीमांकन : राजेंद्र सिंह

रांची : जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने देश भर की जल संरचनाओं के सीमांकन और पंजीकरण की जरूरत बताई है। उन्ह

By Edited By: Published: Sat, 30 May 2015 01:25 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2015 01:25 AM (IST)
देश भर की जल संरचनाओं का हो सीमांकन : राजेंद्र सिंह

रांची : जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने देश भर की जल संरचनाओं के सीमांकन और पंजीकरण की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि यदि यह संभव हो सका तो भारत दोबारा नदियों का देश बन सकेगा। वे शुक्रवार को युगांतर भारती के राष्ट्रीय पर्यावरणीय महासम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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राजेंद्र सिंह ने कहा कि भारत में दो तिहाई नदियां सूख गई हैं। आज देश में कोई भी ऐसी नदी नहीं है जिसका जल आचमन करने योग्य हो। भू-गर्भ भंडार दो तिहाई तक खाली हो रहे हैं। यदि परंपरागत जल प्रबंधन नहीं किया गया तो परिणाम भयानक होंगे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री उमा भारती से जल संरचनाओं के सीमांकन और पंजीकरण कराने का अनुरोध किया। नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए नदी जोड़ो परियोजना पर काम करने का भी अनुरोध किया।

दामोदर को प्रदूषित कर रहे केंद्र व राज्य सरकार के उपक्रम : सरयू राय

दामोदर बचाओ आंदोलन के प्रणेता सह राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि दामोदर को सबसे अधिक प्रदूषित केंद्र और राज्य सरकार के उपक्रम कर रहे हैं। राय ने कहा कि इस उन्होंने इस मसले को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष भी उठाया था, उन्हें केंद्रीय उपक्रमों को स्थिति में सुधार के लिए तीन माह का वक्त दिया है।

सरयू राय ने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि दामोदर समेत अन्य नदियों में प्रदूषण के लिए सामान्य जन नहीं बल्कि आला दिमाग वाले लोग जिम्मेदार हैं। राय ने यह भी कहा कि दामोदर के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार उपक्रमों के खिलाफ न्यायालय भी जाया जा सकता है लेकिन उससे सरकार की ही फजीहत होगी। राय ने पर्यावरण संरक्षण के लिए समाज के सभी वर्ग से आगे आने की अपील की।

वॉटर फोर्स का गठन करें : निशिकांत दुबे

सांसद निशिकांत दुबे ने केंद्रीय मंत्री उमा भारती से नदियों की रक्षा के लिए आरपीएफ की तर्ज पर विशेष वॉटर फोर्स के गठन करने की मांग की। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह नदियों का वर्गीकरण किए जाने की बात भी उठाई। संताल परगना के छह जिलों में गंगा से जलापूर्ति के मामले को उठाते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मदद की अपेक्षा की।

जरूरत भर हो विकास : एसइ हसनैन

पद्मश्री एसइ हसनैन ने कहा कि विकास जरूरत आधारित होना चाहिए न कि लालच आधारित। उन्होंने क्लाइमेंट चेंज से उत्पन्न हो रहे खतरों के प्रति आगाह करते हुए बताया कि जिस तरह से ग्लोबल वार्मिग से धरती तप रही है और ग्लेशियर पिघल रहे हैं उससे आने वाले समय में समुद्र का जलस्तर एक मीटर तक बढ़ जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो भारी तबाही मचेगी। उन्होंने युगांतर भारती को क्लाइमेट चेंज पर भी काम करने की सलाह दी।

उमा भारती ने किया युगांतर भारती की प्रदर्शनी और प्रयोगशाला का उद्घाटन

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने युगांतर भारती की प्रयोगशाला और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्रदर्शनी में युगांतर भारती द्वार पर्यावरण के क्षेत्र में पिछले एक दशक में किए गए कार्यो को दर्शाया गया है।


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