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मेदिनीनगर बनेगा राज्य का पांचवां नगर निगम

विनोद श्रीवास्तव, रांची : मेदिनीनगर झारखंड का पांचवां नगर निगम बनेगा। वर्तमान में रांची, धनबाद, देवघ

By Edited By: Published: Sat, 30 May 2015 01:22 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2015 01:22 AM (IST)
मेदिनीनगर बनेगा राज्य का पांचवां नगर निगम

विनोद श्रीवास्तव, रांची : मेदिनीनगर झारखंड का पांचवां नगर निगम बनेगा। वर्तमान में रांची, धनबाद, देवघर और चास को यह दर्जा प्राप्त है। सामान्य तौर पर नगर निगम कहलाने के लिए किसी भी शहर की आबादी डेढ़ लाख से अधिक होनी चाहिए। वर्तमान मेदिनीनगर नगर परिषद की आबादी 78,396 है। डेढ़ लाख की आबादी की बाध्यता को पूरी करने के लिए क्षेत्र के नीमिया, बारालोटा, रेड़मा और सूदना पंचायत को मेदिनीनगर का हिस्सा बनाया जायेगा। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने इस आशय के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है।

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नगर विकास मंत्री ने इसी कड़ी में राज्य के उभरते शहरों में से सरायकेला-खरसावा जिले के चांडिल को नगर पंचायत तथा कपाली को नगर परिषद तथा मेदिनीनगर के छतरपुर को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने पर भी अपनी सहमति दे दी है। नगर निकाय का दर्जा मिल जाने के बाद इन निकायों में विधिवत चुनाव होंगे। इसके बाद इन इलाकों में भी शहरी सुविधाएं बहाल की जा सकेंगी।

13 लाख शहरी आबादी नगरीय सुविधा से वंचित

राज्य के लगभग ढाई दर्जन शहरों में रहने वाले 12 लाख 74 हजार 227 लोग नगरीय सुविधाओं से वंचित हैं। ये ऐसे शहर हैं, जहां की आबादी 12 हजार से अधिक है। नौ अक्टूबर 2012 को प्रकाशित झारखंड गजट (असाधारण) में ऐसे क्षेत्रों को नगर निकाय का दर्जा दिए जाने का प्रावधान है। यह दर्जा मिलने के बाद ही वहां चुनाव कराए जा सकते हैं और नगरीय सुविधाएं बहाल की जा सकती हैं।

नगर निकाय की कतार में ये शहर

बागबेड़ा 67,039, भगतडीह 33,507, भौंरा 44,295, भुली 89,534, कतरास 51,233, लोयाबाद 32,721, झरिया 81,983, जोड़ापोखर 85,100, पाथरडीह 39,541, सरायढेला 24,189, सौंदा 85,075, सिजुआ 29,828, सिंदरी 76,746, सिरका 20,175, तिसरा 53,772, जामाडोबा 34,092, बारूगुटू 21,092, चंद्रपुरा 22,396, कथारा 20,441, जरीडीह बाजार 30,096, छाताटांड़ 32,173, चुरी 25,222, घाटशिला 37,854, गोविंदपुर 24,781, गोमो 28,587, गोमिया 45,548, हलुदबनी 19,929, मुसाबनी 33,980, पतरातू 32,134 आदि।

यूं बनते हैं शहर

12 हजार से अधिक आबादी वाले कस्बों को नगर निकाय का दर्जा दिये जाने का प्रावधान है। न्यूनतम 12 हजार से अधिकतम 39,999 आबादी वाले क्षेत्रों को नगर पंचायत कहलाने का हक है। 40,000 से 99,999 की आबादी वाले इलाकों को नगर परिषद (वर्ग 'ख'), एक लाख से 1,49,999 की जनसंख्या वाले शहरों को नगर परिषद (वर्ग 'क') तथा 1,50,000 एवं इससे अधिक आबादी वाले शहरों को नगर निगम का दर्जा दिये जाने का प्रावधान है।


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