सरदार सरजीत सिंह का निधन
रांची : आदिवासी क्षेत्र में सामाजिक विकास के प्रणेता माने जाने वाले सप्तर्षि संस्थान के संस्थापक सरद
रांची : आदिवासी क्षेत्र में सामाजिक विकास के प्रणेता माने जाने वाले सप्तर्षि संस्थान के संस्थापक सरदार सरजीत सिंह का बुधवार की रात आकस्मिक निधन हो गया। गुरुवार को हरमू मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। वे कुछ समय से ब्रेन मलेरिया से पीड़ित थे।
झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों, खासकर सिमडेगा में उन्होंने आदिवासियों के हक-हकूक, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। 58 वर्षीय सरजीत सिंह ने एक्सआइएसएस से ग्रामीण विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के बाद झारखंड के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में सामाजिक क्षेत्र में विकास के प्रति मृत्युपर्यंत प्रतिबद्ध रहे। मृत्यु के पहले वे सिमडेगा के बानो में ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए एक कार्यक्रम को संचालित कर रहे थे।
उनके निधन से सामाजिक संगठनों, स्वैच्छिक संगठनों में शोक की लहर दौड़ गयी। स्वैच्छिक संगठनों में वह हरदिल अजीज सरदार के नाम से जाने जाते थे। मंथन के सुधीर पाल ने बताया कि रविवार को कडरू गुरुद्वारा में उनकी अंतिम अरदास और लंगर का आयोजन किया गया है। सरदार सरजीत सिंह अपने पीछे मा, पत्नी, दो बच्चों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।