कुरमी विकास मोर्चा का बंद बेअसर
रांची : कुरमी विकास मोर्चा की गुरुवार की झारखंड बंदी का रांची में कोई खास असर नहीं देखा गया। सुबह बं
रांची : कुरमी विकास मोर्चा की गुरुवार की झारखंड बंदी का रांची में कोई खास असर नहीं देखा गया। सुबह बंद का थोड़ा असर दिखा, लेकिन चढ़ती धूप के साथ असर गायब होता गया और फिर शहर की दुकानें धीरे-धीरे खुलने लगीं। कुछेक दुकानें ही बंद रहीं। प्रशासन ने भी रांची में धारा 144 लगा रखी थी।
अल्बर्ट एक्का चौक पर बंद समर्थक कुछ देर तक जरूर सक्रिय रहे। इसके बाद डोरंडा, अरगोड़ा चौक, रातू रोड, कचहरी चौक एवं अल्बर्ट एक्का चौक पर लोगों ने अपनी गिरफ्तारियां दीं। इसके साथ ही रांची सहित रातू, कांके, सिल्ली, ओरमांझी, मुरी आदि में करीब 560 लोगों ने गिरफ्तारियां दी, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
हालांकि मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने दावा किया झारखंड बंद असरदार रहा और पूरे राज्य में करीब एक हजार लोगों ने गिरफ्तारी दी। ओहदार ने पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने बेवजह की लाठी चार्ज एवं गाली-गलौज की।
मोर्चा ने टीआरआइ की उस रिपोर्ट को खारिज करने की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया था, जिसमें कहा गया है कि कुरमी जाति अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में नहीं आती। मोर्चा का कहना है कि कुरमी 1932 में अनुसूचित जनजाति में थे। 1952 में इस सूची से कुरमी को हटा दिया गया। इसे सरकार को तत्काल वापस लेना चाहिए।
केंद्रीय महासचिव रोशनलाल महतो ने कहा कि झारखंड की कुरमी जाति को अधिकार से वंचित करने की साजिश की जा रही है। महतो ने उन संगठनों और आमजनों के प्रति आभार जताया है, जिन्होंने बंद को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई। बंद कराने में जिला अध्यक्ष रामपोदो महतो, कुरमी छात्र मोर्चा के अध्यक्ष ओम प्रकाश महतो, बीरबल महतो, राजेंद्र महतो, रूपलाल महतो, सखीचन महतो, प्रभात भूषण, बसंत महतो, अनिल महतो आदि की भूमिका रही।