सरकार ने की कॉरपोरेट सेक्टर की राह आसान
रांची : उद्योगों की स्थापना के लिए बेहतर माहौल का सृजन करने में जुटी राज्य सरकार ने औद्योगिक इकाइयों
रांची : उद्योगों की स्थापना के लिए बेहतर माहौल का सृजन करने में जुटी राज्य सरकार ने औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के आड़े आनेवाली सबसे बड़ी बाधा जल आवंटन की प्रक्रिया को खासा सरल बना दिया है। उद्योगों के लिए जल आवंटन की प्रक्रिया को अब महज तीस दिनों में पूरा किया जाएगा। जल संसाधन विभाग ने इस बाबत हाल ही में अधिसूचना जारी की है।
जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि केंद्र व राज्य सरकार के लोक उपक्रमों सहित निजी क्षेत्र की इकाईयों को महज तीस दिनों में जल का आवंटन किया जाएगा। विभाग ने स्वीकारा है कि पूर्व में जल आवंटन की प्रक्रिया कई चरणों से गुजरने के कारण इसमें विलंब होता था। मौजूदा प्रक्रिया को सिर्फ चार चरणों से गुजरना होगा। हालांकि जल आवंटन की प्रक्रिया को तीस दिनों में पूरा करने का यह मतलब कतई नहीं होगा कि कंपनियों को पानी मिल ही जाएगा। कंपनियों को जल मिलेगा या नहीं यह नदी बेसिनों व अन्य जल स्रोतों में जल की स्थिति पर निर्भर करेगा।
जल आवंटन प्रक्रिया के चार चरण
- ऑनलाइन आवेदन के साथ-साथ आवेदन की एक प्रति फिजेबिलिटी रिपोर्ट के साथ जल संसाधन विभाग को सौंपनी होगी
- तीन दिनों के अंदर जांच की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
- इसके बाद आवेदन को जल आवंटन समिति को भेजा जाएगा , जिसे एक सप्ताह में लेना होगा निर्णय
- सात दिनों के बाद मंत्रालय को भेजी जाएगी अनुशंसा, जिसे 20 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा।
सवाल भी, कहां से मिलेगा पानी
सरकार ने उद्योगों को पानी देने की राह भले ही आसान कर दी हो लेकिन राज्य में उद्योगों को पानी मिलना एक बड़ी समस्या है। सरकार की खुद की रिपोर्ट बताती है कि उद्योगों को 4338 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता है जबकि उसे महज 3779 मिलियन क्यूबिक मीटर ही मिल रहा है। जल संसाधन विभाग में लंबित सभी आवेदनों पर यदि विचार करते हुए जल का आवंटन कर दिया जाए तो आंकड़ा ऋणात्मक में पहुंच जाएगा। राज्य के प्रमुख नदी बेसिन सुवर्णरेखा, दामोदर, खरकई, बराकर और अजय में उद्योगों के लिए आवंटित जल से कहीं अधिक के आवेदन दिए गए हैं। सिर्फ नार्थ कोयल, साउथ कोयल, गुमानी और मयूराक्षी से ही जल का आवंटन किया जा सकता है।