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माध्यमिक शिक्षा के विकास पर खर्च होंगे 835 करोड़

नीरज अम्बष्ठ, रांची : राज्य के हाई स्कूलों के विकास व वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए

By Edited By: Published: Wed, 06 May 2015 01:58 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 01:58 AM (IST)
माध्यमिक शिक्षा के विकास पर खर्च होंगे 835 करोड़

नीरज अम्बष्ठ, रांची : राज्य के हाई स्कूलों के विकास व वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 835.67 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के तहत चालू वित्तीय वर्ष के बजट के लिए इतनी राशि की स्वीकृति दी है।

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हालांकि इस अभियान के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में नई योजनाओं के लिए 4367.18 लाख रुपये ही मिले हैं। शेष राशि पूर्व में स्वीकृति बजट से स्पिल ओवर के रूप में मिली है।

राष्ट्रीय माध्यमिक अभियान प्रोग्राम एप्रूवल बोर्ड (पैब) ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में मात्र दो नई बड़ी योजनाओं पर स्वीकृति प्रदान की है। इनमें हाई स्कूलों में 'कला उत्सव' का आयोजन तथा राज्य स्तर पर 'हेल्पलाइन सेवा' शामिल है। बच्चों में कला क्षमता के विकास के लिए स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें नाटक, नृत्य, संगीत आदि कला भी शामिल है। हेल्पलाइन सेवा के तहत सभी बच्चों, शिक्षकों व अभिभावक को सभी प्रकार की शैक्षणिक समस्याओं को लेकर परामर्श दिया जाएगा। यह आनलाइन सेवा निश्शुल्क होगी तथा इसके लिए टॉल फ्री नंबर जारी किए जाएंगे।

वर्तमान वित्तीय वर्ष में शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के ओरिएंटेशन कार्यक्रम के लिए बड़ी राशि स्वीकृत हुई है। इसके अलावा सभी जिलों में विज्ञान प्रदर्शनी के आयोजन के लिए एक-एक लाख रुपये की मंजूरी मिली है। पिछले वित्तीय वर्ष में 2,133 हाई स्कूलों में साइंस एंड मैथ किट की खरीद की स्वीकृति मिली थी। इस वर्ष शेष 189 स्कूलों के लिए भी राशि की मंजूरी मिली है। बन रहे 87 नए बालिका छात्रावासों में वार्डेन, चौकीदार आदि के मानदेय के अलावा वहां अन्य संसाधनों के लिए भी राशि की स्वीकृति मिली है। पैब ने 58 हाई स्कूलों में कई ट्रेडों में शुरू हो रही व्यावसायिक शिक्षा के लिए पिछले वर्ष दी गई राशि को चालू वित्तीय वर्ष में खर्च करने की मंजूरी प्रदान की है।

सबसे आश्चर्यजनक यह है कि राज्य सरकार ने 2013-14 में 24 स्कूलों के लिए मिली राशि खर्च ही नहीं कर पायी और वित्तीय वर्ष के अंतिम में इसे सरेंडर करना पड़ा।

राशि खर्च नहीं होने से अधिकांश प्रस्ताव निरस्त

केंद्र ने अभियान के तहत पूर्व में दी गई राशि के खर्च नहीं होने पर सवाल उठाया है। खासकर निर्माण कार्य की बड़ी राशि ब्लॉक है। इस कारण केंद्र ने कई नए प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी। इनमें दो-दो सेक्शन के 344 नए स्कूलों के निर्माण के अलावा, 345 स्कूलों के सुदृढ़ीकरण, अतिरिक्त कक्षा का निर्माण, लैब, कंप्यूटर रूम, लाइब्रेरी आदि निर्माण कार्य के प्रस्ताव शामिल हैं। राज्य सरकार ने दो-दो सेक्शन के नए हाई स्कूलों के निर्माण का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन यह प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि यह राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत नहीं आता। राज्य सरकार ने 11,651 नए शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए भी राशि की मांग की थी, लेकिन यह कहते हुए इसे अस्वीकार कर दिया गया कि अभी शिक्षकों की नियुक्ति ही नहीं हो पाई है।

स्मार्ट क्लास को नहीं मिली मंजूरी

केंद्र ने हाई स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू किए जाने तथा कंप्यूटर व हार्डवेयर की खरीद की स्वीकृति नहीं दी। इन्फारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) के तहत पूर्व में दी गई राशि खर्च नहीं होने के कारण इस प्रस्ताव की मंजूरी नहीं मिली। हालांकि इस मद में पूर्व में दिए गए 6630.40 लाख रुपये खर्च करने की स्वीकृति स्पिल ओवर के रूप में मिली। यह राशि चालू वित्तीय वर्ष में खर्च हो सकेगी।


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