आर्मी का भगोड़ा है कुणाल, माओवादियों से भी संबंध
रांची : रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के विद्यानगर से एक दिन पूर्व गिरफ्तार कुणाल सिंह उर्फ कुणाल
रांची : रांची के सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के विद्यानगर से एक दिन पूर्व गिरफ्तार कुणाल सिंह उर्फ कुणाल किशोर सिंह उर्फ आकाश सिंह सेना में 11 साल सेवा देने के बाद भगोड़ा हो गया था। उसका माओवादियों से भी संबंध है।
उसका दूसरा साथी विनोद सिंह उर्फ विनोद बिहारी सिंह उर्फ अरुण सिंह उर्फ झूलन सिंह भी कुणाल के साथ पकड़ा गया है। 45 वर्षीय विनोद डालटनगंज के नवाटोली का रहनेवाला है, जबकि 32 साल का कुणाल पलामू के हामिदगंज का निवासी है। दोनों ही आरोपियों के पास से नाइन एमएम की एक पिस्टल, चार कारतूस, 7.65 बोर की एक पिस्तौल व चार कारतूस, चार मोबाइल, छह सिम, दो बाइक, सात एटीएम कार्ड व नकली परिचय पत्र बरामद किए गए हैं। दोनों के खिलाफ रांची, पलामू व लोहरदगा में हत्या, रंगदारी के दर्जनभर से अधिक मामले हैं।
एसएसपी प्रभात कुमार व सिटी एसपी अनूप बिरथरे ने संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन में कुणाल व उसके साथी विनोद की गिरफ्तारी का ब्योरा दिया। एसएसपी ने बताया कि पूर्व में बुढ़मू के ठाकुरगांव स्थित निलय एजुकेशनल ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक भीम सिंह मुंडा के अपहरण में भी मुंडा के अपहरण का मास्टरमाइंड कुणाल सिंह व विनोद सिंह के होने की बात आई थी। भीम सिंह मुंडा को पुलिस ने मुक्त कराया था और अपहरण में शामिल बहुत से अपराधी पकड़े भी गए थे, जिन्होंने कुणाल व विनोद का नाम बताया था।
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भीम सिंह मुंडा से फिर मांगी थी एक करोड़ की रंगदारी
निलय एजुकेशनल ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक भीम सिंह मुंडा को पिछले कई दिनों से कुणाल ने पुन: कॉल करना शुरू कर दिया था। वह कहता था कि पिछली बार वह बिना पैसे दिए मुक्त हो गया था। इस बार एक करोड़ रुपये रंगदारी देनी होगी। मुंडा ने एसएसपी से इसकी शिकायत भी की थी, जिसके बाद से ही कुणाल की खोज हो रही थी।
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सेना में रहते हुए भी कई वारदात को दिया अंजाम
पूर्व में तीन बार जेल जा चुका कुणाल सिंह सेना में रहते हुए आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था और पुन: नौकरी पर चला जाता था। उसने बताया कि वर्ष 2002 में सेना में उसकी नौकरी लगी थी और उसकी एएमसी सेंटर में पदस्थापना हुई। उसने 11 साल सेना की नौकरी की और इस दौरान भी वारदात को अंजाम देता रहा था। उसने बताया कि आर्मी के कायदे-कानून और बंधन उसे पसंद न थे, इसलिए उसने नौकरी छोड़ दी।
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पिछले एक महीने से पीछे पड़ी थी दो जिलों की पुलिस
कुणाल को पकड़ने के लिए पिछले एक महीने से पलामू व रांची जिले की पुलिस पीछे पड़ी थी। पलामू, लोहरदगा व रांची के लिए सिरदर्द बने कुणाल को पकड़ने के लिए सिटी एसपी अनूप बिरथरे के निर्देशन में एक टीम गठित की गई थी। इसमें कोतवाली के डीएसपी दीपक अंबष्ठ के नेतृत्व में सदर थानेदार रंजीत सिन्हा, सुखदेवनगर थानेदार रणधीर कुमार, लालपुर थानेदार शैलेश प्रसाद, अरगोड़ा थानेदार अवधेश ठाकुर व क्यूआरटी जवान पुलिस शाह फैसल व अन्य पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था।
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यौन शोषण सहित दर्ज होंगे तीन मामले
कुणाल व विनोद के खिलाफ यौन शोषण, धोखाधड़ी व भीम सिंह मुंडा से दोबारा रंगदारी मांगने के मामले में कुल तीन मामले दर्ज होंगे। एसएसपी ने बताया कि सुखदेवनगर के विद्यानगर की एक महिला के यौन शोषण का मामला भी कुणाल व विनोद पर दर्ज किया जा रहा है। उस पर पंजाब नेशनल बैंक को फर्जी परिचय पत्र देकर अपना खाता खुलवाने का भी आरोप है।
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तीन अपराधी अब भी फरार
कुणाल व विनोद के गैंग के तीन अपराधी अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। फरार आरोपियों में डालटनगंज के सदर थाना क्षेत्र का रेडमा निवासी सुजीत सिन्हा, शाहदेवनगर के बाबा अस्पताल गली का प्रकाश यादव व मोरहाबादी के कुसुम बिहारी कॉलोनी रोड नंबर सात निवासी ज्ञानी शर्मा का पुत्र अभिषेक प्रियदर्शी उर्फ लवकुश शर्मा शामिल है।
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पलामू पुलिस का सिरदर्द बना था कुणाल
कुणाल सिंह व विनोद सिंह पलामू पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि हत्या, लूट, रंगदारी से पलामू के लोगों की नींद उड़ी हुई थी। उस पर लोहरदगा में जेजेएमपी के संदीप की हत्या का भी आरोप है। उसके खिलाफ पलामू में नौ व लोहरदगा में एक तथा विनोद के खिलाफ पलामू में पांच मामले दर्ज हैं। इनके खिलाफ रांची के बुढ़मू व लोहरदगा में भी एक-एक मामला दर्ज है।
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