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आतंकियों ने छीनी बूढ़े माता-पिता की लाठी

रांची : बूटी मोड़ के समीप रामगढ़ मार्ग पर पीतांबरा पैलेस के बगल की गली में शुक्रवार की शाम सैन्य अधिक

By Edited By: Published: Sat, 06 Dec 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 06 Dec 2014 01:00 AM (IST)
आतंकियों ने छीनी बूढ़े माता-पिता की लाठी

रांची : बूटी मोड़ के समीप रामगढ़ मार्ग पर पीतांबरा पैलेस के बगल की गली में शुक्रवार की शाम सैन्य अधिकारियों की गतिविधियां बढ़ गई थीं। कुछ ही दूरी पर है होटल रिट्रीट और उसके पास ही है एक जगह, जिसे आकाश कृष्णा नगर कहते हैं। यहीं पर है एक जांबाज शहीद सैन्य अधिकारी संकल्प कुमार शुक्ला का घर, जो एक दिन पहले जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकियों को ढेर कर इस देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। यहां रहते हैं शहीद के पिता एसके शुक्ला व मां सुषमा शुक्ला। आतंकियों ने छीन ली बुढ़ापे की वह लाठी, जिसकी आस में एक-एक दिन काट रहे थे बूढ़े माता-पिता।

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रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक कर 15 साल पहले सेना में बहाल हुए संकल्प कुमार शुक्ला वर्तमान में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत थे। पिता के अनुसार इसी 12 दिसंबर को उनकी पदोन्नति होनेवाली थी कि शहीद होने की खबर मिल गई। पंजाब रेजिमेंट के इस अधिकारी ने अपनी जान दे दी, लेकिन देश का सिर नहीं झुकने दिया। इसी शौर्य को याद कर बूढ़े माता-पिता गौरवान्वित तो थे, लेकिन मां के दिल को आखिर कौन सांत्वना दे। अपने कलेजे के टुकड़े की शहादत सुनकर वह बेसुध सी हो गई हैं।

शुक्रवार को शहादत की सूचना पर सेना के डॉक्टर व कर्मी उनके घर पहुंचे थे। मां का इलाज भी किया और कुछ दवाएं भी दी हैं, ताकि इस दुख की घड़ी को वह सह सकें।

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ब्रिगेडियर व उनकी पत्नी पहुंचीं

शहीद के शोक संतप्त परिजन को ढांढ़स बंधाने के लिए ब्रिगेडियर व उनकी पत्नी भी पहुंची थीं। सेना के अन्य अधिकारी व जवान उनके घर के पास ही जमे थे।

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एक बड़ी बहन के इकलौते भाई थे संकल्प

पिता एसके शुक्ला व मां सुषमा शुक्ला के इकलौते बेटे थे संकल्प कुमार शुक्ला। वे इकलौती बड़ी बहन मेघा के छोटे भाई थे। उनकी पत्नी प्रिया हैं, जो अपनी दोनों बेटियों मन्ना व तारा (आठ वर्ष व चार वर्ष) के साथ पटना स्थित अपने मायके में हैं।

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कॉल नहीं लगा तो मन बेचैन हो गया और लेने लगे जानकारी

जम्मू में गोलीबारी की सूचना के बाद जब बेटे का कॉल नहीं लगा तो पिता एसके शुक्ला का मन भारी होने लगा। वे बेचैन हो गए। अपनी बहू प्रिया के पास पटना में फोन लगाया, लेकिन वहां से भी जब जानकारी नहीं मिली तो दीपाटोली कैंट पहुंच गए, जहां आर्मी इंफार्मेशन सेंटर है। वहां जाने पर घटना की जानकारी मिली। इसके बाद संकल्प की मां को भी इसका पता चला और तब से ही उनका हाल बेहाल है।

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आज आ सकता है शहीद का शव

शहीद संकल्प शुक्ला का शव शनिवार को रांची आ सकता है। शहीद के घर पहुंचे सैन्य अधिकारियों ने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही वहां से शहीद का शव आएगा। उन्हें पूरे सम्मान के साथ विदाई दी जाएगी। सेना उनके शोक संतप्त परिजनों के साथ है।

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