मुआवजे की मांग पर बंद की खदान
खलारी : जेहलीटाड़ विश्रामपुर के रैयत दुलार गंझू के परिजनों ने जमीन के मुआवजे तथा नौकरी की माग को लेकर केडीएच खदान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करा दिया। मंगलवार की सुबह दुलार गंझू के परिजन जेहलीटाड़ खदान पहुंचे और खदान में काम रहे कामगारों को काम करने से मना कर दिया। ऑपरेटरों ने अपनी मशीनें खड़ी कर दीं।
दुलार गंझू के बेटे दामोदर गंझू का कहना है कि मेरे पूर्वजों की जमीन पर गलत तरीके से दूसरे लोगों को नौकरी तथा मुआवजा दे दिया गया। अंचल ने भी हमारे दावों को सही ठहराया है। पर, प्रबंधन हमारा हक नहीं दिला रहा है। कई बार इस मुद्दे पर प्रबंधन से वार्ता भी हुई, लेकिन निष्कर्ष नहीं निकल सका। इसलिए इसबार अनिश्चितकालीन बंद का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में केडीएच के परियोजना पदाधिकारी यूसी गुप्ता का कहना है कि भूअर्जन के तत्कालीन अधिकारियों ने दावेदारों को सही मानकर जमीन का मुआवजा तथा नौकरी के लिए प्रस्ताव दिया था। इसी प्रस्ताव पर उन्हें नौकरी दे दी गई। लेकिन भूअर्जन के ही वर्तमान के अधिकारी अब उन दावेदारों को गलत बता रहे हैं। जमीन के स्वामित्व का फैसला तब भूअर्जन ही करता था। इस मामले में सीसीएल प्रबंधन ने कोई गलती नहीं की है। गुप्ता ने कहा है अब जबकि भूअर्जन अपने ही विभाग के पूर्व के निर्णय को गलत बता रहा है, सीसीएल प्रबंधन नौकरी पा चुके पूर्व के दावेदारों पर केस करेगा।