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मजदूरों की मौत हुई तो नपेंगे अधिकारी

लपंगा : बरका-सयाल प्रक्षेत्र के सयाल 10 नंबर खदान में फंसे दो मजदूरों की मौत होती है तो डीज

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Aug 2017 09:07 PM (IST)Updated: Wed, 16 Aug 2017 09:07 PM (IST)
मजदूरों की मौत हुई तो नपेंगे अधिकारी
मजदूरों की मौत हुई तो नपेंगे अधिकारी

लपंगा : बरका-सयाल प्रक्षेत्र के सयाल 10 नंबर खदान में फंसे दो मजदूरों की मौत होती है तो डीजीएमएस की टीम कोर्ट से स्थानीय प्रबंधन पर प्राथमिकी दर्ज कराएगी। जानकार बतातें हैं कि माइंस एक्ट रूल के तहत तीन मजदूरों से ज्यादा मौत होने पर डिजस्टार के तहत जीएम पर भी प्राथमिकी दर्ज होती है। लेकिन दो मजदूरों की मौत होती है तो फैटल एक्सिडेंट के तहत डीजीएमएस परियोजना पदाधिकारी, मैनेजर, सेफ्टी ऑफिसर, माइंस इंचार्ज के अलावे दोषी पाए जाने पर माइ¨नग सरदार व ओवरमैन पर भी प्राथमिकी कोर्ट से दर्ज कराएगी। वहीं सीसीएल मैनेजमेंट अपने इनक्वायरी टीम बैठाएगी। जिसमें प्रथम ²ष्टया दोषी पाए जाने पर चार्जशीट और सस्पेंड करने के साथ जांच चलाएगी। यदि दोषी पाए जाते हैं तो सीसीएल इन अधिकारियों का प्रमोशन व इंक्रीमेंट रोक सकती है। बताते चलें कि बीते 2005 में 14 मजदूरों की मौत सेंट्रल सौंदा भूमिगत खान में हुई थी। जिसमें जीएम सहित अन्य अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। वहीं लोवर सिमाना भुरकुंडा में दो मजदूरों की मौत होने पर पीओ और एसओएम पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जानकार बताते हैं कि यदि सयाल 10 नंबर में सुरक्षा नियमों का ध्यान रखा जाता तो इतनी बड़ी घटना नहीं घटती। इसमें पूरा-पूरी सीसीएल प्रबंधन ही दोषी है।

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ये अधिकारी पहुंचे सयाल खदान

सयाल खदान हादसे के बाद कई सीसीएल अधिकारी यहां पहुंचे। इनमें सयाल पीओ पीबी तिवारी, उरीमारी पीओ बीबी मिश्रा, भुरकुंडा पीओ जीसी साहा, डीके रामा, एसके झा, राकेश कुमार, मैनेजर आरके वर्णवाल, जीएम ऑपरेशन अजय ¨सह आदि शामिल हैं।


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